अमेरिका से जैसलमेर पहुंचा विदेशी शिव भक्त जोड़ा, रोजाना सोनार दुर्ग में करते हैं शिव की पूजा
Jaisalmer: आपने शिव भक्त तो अनेक देखें होंगे, लेकिन अब आपको ऐसे विदेशी शिव भक्त जोड़े से मिलवाते हैं जो जैसलमेर घूमने आया था लेकिन पिछले 2-2.5 महीने से भोलेनाथ के रंग में ऐसा रंग गया हैं कि प्रतिदिन जैसलमेर के सोनार किले में स्थित प्रसिद्ध शिव मन्दिर में दर्शन के लिए जाता हैं और […]

Jaisalmer: आपने शिव भक्त तो अनेक देखें होंगे, लेकिन अब आपको ऐसे विदेशी शिव भक्त जोड़े से मिलवाते हैं जो जैसलमेर घूमने आया था लेकिन पिछले 2-2.5 महीने से भोलेनाथ के रंग में ऐसा रंग गया हैं कि प्रतिदिन जैसलमेर के सोनार किले में स्थित प्रसिद्ध शिव मन्दिर में दर्शन के लिए जाता हैं और आरती में भी शरीक होता है. इस अमेरिकन सैलानी जोड़े की शिव भक्ति देखकर हर कोई अचंभित व सराहना कर रहा हैं. मन्दिर में जाने वाले श्रद्धालु भी इस विदेशी कपल की शिव अराधना देखकर उनके प्रति नतमस्तष्क हो रहे हैं.
आमतौर पर कई विदेशी सैलानियों को हिंदू सभ्यता, संस्कृति व हिंदू रीति रिवाजों की ओर आकर्षित होते व पसंद करते देखा जाता है. यहां तक कि वे हिंदू सभ्यता व संस्कृति से जुड़े कई रीति रिवाज को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करते हैं. इसमें हिंदू सभ्यता व संस्कृति के अनुसार विवाह करना तथा हिंदू वेशभूषा पहनना. ऐसा ही एक उदाहरण अमेरिका के न्यू ओरलेंस के निवासी कोल्बे (31) व समंथा (30) है. कोल्बे ने बताया कि वे छठी बार भारत तथा चौथी बार जैसलमेर आए हैं. उन्होंने बताया कि वे दोनों पति-पत्नी है. अभी वे सोनार दुर्ग स्थित पैराडाइज होटल में ठहरे हुए. पिछले 2 माह से रोज सुबह जैसलमेर के सोनार दुर्ग स्थित रत्नेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं. कोल्बे ने बताया कि वे अमेरिका में पेशे से किसान है.
कोल्बे ने बताया कि मैं और मेरी पत्नी समंथा रोज सुबह सोनार दुर्ग स्थित रत्नेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव की आरती में शामिल होते हैं. इसमें वे अपनी पूरी श्रद्धा व आस्था के साथ भगवान शिव की आरती में ढोल-नगाड़े बजाते हुए आरती का गायन करते हैं. इन दोनों को भगवान शिव की पूरी आरती याद है व आरती का हिंदी में उच्चारण भी करते हैं. इसके अलावा कई मंत्र भी इन्हें कंठस्थ है. वे स्वयं को भगवान शिव का भक्त मानते हैं.
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शिव भक्ति से मिलती है शांति
जब कोल्बे व समंथा से भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के पीछे का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भगवान शिव की आरती करने से उनके मन को शांति व ऊर्जा मिलती है. साथ ही इससे उन्हें आनंद की अनुभूति भी होती है. अमेरिका जैसे विकसित देश में आज के समय में भाग-दौड़ भरी जिंदगी है. लोगों के पास अपने परिवार तक के लिए समय नहीं है. ऐसे में वहां भक्ति बहुत दूर की बात है. हिंदुस्तान में जैसलमेर पहले से शांत शहर है.
गीता पढ़कर हुए हिंदू धर्म से परिचित कोल्बे की पत्नी समंथा ने बताया कि उन्होंने अपने घर में ही करीब 8 साल पहले गीता पढ़ी थी, इससे उन्हें हिंदू सभ्यता व संस्कृति के बारे में जानकारी मिली. इससे वे हिंदू सभ्यता व संस्कृति को अच्छे तरीके जाने के लिए आकर्षित हुए. इनका कहना वे भगवान शिव श्री कृष्ण के भी भक्त है.
दो माह से जैसलमेर में है दंपती
मरु महोत्सव होने के बाद वापसी करेंगे, उन्होंने बताया कि वे गत वर्ष नवंबर माह से जैसलमेर में है. उनका कहना है कि उन्हें जैसलमेर बहुत ही अच्छा लगता है और यहां के लोगों का स्वभाव भी दयालु है. उन्होंने कहा कि फरवरी में आयोजित होने वाले विश्व विख्यात मरु महोत्सव में भाग लेंगे.
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