Rajasthan Assembly election 2023: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस साल के सियासी रण के लिए 1998 के फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं. पीसीसी चीफ रहते गहलोत के नेतृत्व में गहलोत ने 24 साल पहले 156 सीटें जीती. अब फिर से सीएम गहलोत मिशन-156 का नारा दे रहे है. ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि क्या कांग्रेस इस बार 5 साल का ट्रेंड तोड़कर सत्ता में वापसी होगी?
हालांकि तीसरी बार कार्यकाल पूरा करने जा रही गहलोत सरकार इससे पहले 21 और 56 के आंकड़ें पर सिमट गई. जिसके जवाब में मुख्यमंत्री अपनी योजनाओं की तारीफ भी करते नजर आते हैं और उम्मीद जताते हैं कि इस बार जनता फिर से सीएम चुनेगी. उन्होंने यहा तक कहा कि मुझे 3 बार कोरोना हो गया. लेकिन कोई कसर नहीं छोड़ी. मैंने 500 बार वीडियो कांफ्रेंसिंग की हैं और हर चीज में मैं जान लगा रहा हूं.
दरअसल, साल 1998 में कांग्रेस जब सत्ता में आई थी, तब वो 200 में से 153 सीटों पर चुनाव जीती थी. बाद में 3 सीटों पर उपचुनाव में भी जीती, ऐसे में सीटों की संख्या 156 हो गई. राज्य में कांग्रेस का अब तक यह सबसे प्रभावशाली प्रदर्शन रहा था. इसलिए सीएम गहलोत चाहते हैं कि कांग्रेस 2023 के अंत में होने वाले चुनावों में भी अपना यही प्रदर्शन एक बार फिर दोहराए.
156 के बयान से क्या पायलट पर हुआ पायलट पर पलटवार
सीएम गहलोत ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को लेकर भी इशारा दिया. क्योंकि जब अशोक गहलोत ने 1998 के 156 सीटों पर जीता का इतिहास याद किया तो ऐसा लगा जैसे वह पायलट के बयानों का ही जवाब दे रहे हैं. क्योंकि हाल ही में सचिन पायलट ने राजधानी जयपुर के महाराजा कॉलेज के ग्राउंड में बयान दिया था कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रहते अपने संघर्षों को याद करते हुए युवाओं से पूछा कि कांग्रेस अध्यक्ष के नाते हमारी मेहनत में कोई कमी देखी?
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