Rajasthan News: एक दौर था जब बेटी को पढ़ाना भी गलत समझा जाता था. लेकिन आज के समय में बेटे और बेटी की समान परवरिश पर जोर दिया जाता है. हालांकि आज भी सामाजिक परंपराये निभाते समय कहीं ना कहीं पुरातन सोच आड़े आ जाती है लेकिन टोंक जिले में एक दादा-दादी ने रूढ़िवादिता को तोड़ समानता का नया संदेश दिया है. उन्होंने अपनी पोती की ना सिर्फ लड़कों की तरह बिंदौरी निकाली बल्कि उसे शानदार बग्घी में बिठाकर लड़का-लड़की एक समान का संदेश दिया.
लड़की के दादा प्रेम रघुवंशी राजस्थान पुलिस से सेवानिवृत हैं और उनकी चारों संतानें विवाहित हैं. प्रेम रघुवंशी का कहना है कि उनकी पोती नैना की बिंदौरी निकाली गयी, वह उनके पौत्र-पौत्रियों में सबसे बढ़ी है. रघुवंशी बताते हैं कि उनकी पत्नी का सपना था कि जब भी नैना का विवाह होगा वे उसकी बिंदोरी ना सिर्फ लड़कों की तरह धूमधाम से निकालेंगी बल्कि उसे सजा धजा कर बग्घी में बिठाकर बिंदौरी निकालेगी.
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टोंक शहर के छावनी इलाके में निकाली गयी इस बिंदौरी को जिसने भी देखा, वह इस आयोजन को लेकर प्रशंसा करता नजर आया. नैना बीए पास है और उसका विवाह जयपुर जिले के कलवाड़ा निवासी खिलाड़ी नायक के साथ तय हुआ है.
अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग क्रिकेटर रोहन की भतीजी हैं नैना
प्रेम रघुवंशी के ज्येष्ठ पुत्र रितेश की पुत्री नैना अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग क्रिकेटर रोहन की भतीजी हैं. रोहन दिव्यांग क्रिकेट प्रतियोगिताओं में नियमित रूप से भारतीय क्रिकेट टीम में ऑलराउंडर के रूप में खेलते रहे हैं.