Holi 2023: कोटा में दशकों चली आ रही झांकियां बनाने की परंपरा, इस बार की यह झांकी रहेगी खास
Holi 2023: कोटा शहर में रियासत काल से होली के अवसर पर जगह जगह होली के साथ झांकियां बनाने की परंपरा है. यहां पर शहरवासी होली में राष्ट्रीयता से लेकर धार्मिक और शहर के विकास की झांकियां बनाते हैं. जिन्हें देखने बड़ी संख्या में शहरवासी आते हैं. यह झांकियां होली के एक-दो दिन पहले शहरवासियों […]
ADVERTISEMENT
Holi 2023: कोटा शहर में रियासत काल से होली के अवसर पर जगह जगह होली के साथ झांकियां बनाने की परंपरा है. यहां पर शहरवासी होली में राष्ट्रीयता से लेकर धार्मिक और शहर के विकास की झांकियां बनाते हैं. जिन्हें देखने बड़ी संख्या में शहरवासी आते हैं. यह झांकियां होली के एक-दो दिन पहले शहरवासियों के लिए खोल दी जाती है. शहर में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तरह की झांकियां बनाई जाती हैं. जिन्हें लोग देखकर अचंभित होते हैं.
कोटा में विशेष कर नयापुरा में आदर्श होली संस्था और सिविल लाइंस में शारदा सरस्वती होली संस्थान और सुंदर धर्मशाला नवयुवक मंडल की ओर से झांकियां विशेष आकर्षण का केंद्र होती है. यह झांकियां 50 से 70 वर्षों से लगातार बनाई जा रही है. इस बार की झांकियों में विशेष रूप से कोटा शहर की पहचान बनने जा रहे है. कोटा रिवरफ्रंट की झांकी बनाई गई है.
कोटा रिवरफ्रंट को इसमें हूबहू बखूबी दर्शाया गया है. आदर्श होली संस्थान की एक झांकी में करौली जिले के कांस्टेबल त्रिनेश शर्मा की है. इस झांकी में वह दंगे की आग से बच्चे को बचाकर निकालते हुए दर्शाए गए हैं. आदर्श होली समिति के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने बताया कि इन झांकियों को बनाने में 60 लोगों की टीम 1 महीने से काम कर रही है. इस बार शिव तांडव की 20 फीट ऊंची प्रतिमा, 12 फीट की नंदी की प्रतिमा और द्वादश ज्योतिर्लिंग के साथ-साथ भक्त प्रहलाद की झांकी व केदारनाथ मंदिर विशेष आकर्षण रहेंगे.
ADVERTISEMENT
यह भी पढ़ें...
जयपुर में चुनाव से पहले जाटों का शक्ति प्रदर्शन, 2024 में किसके साथ जाट समाज?
ADVERTISEMENT