जयपुर: दो बदमाश दोस्तों की कहानी, साथ मिलकर करते थे चोरी, अब तक लूट चुके 45 से ज्यादा मोबाइल-पर्स

विशाल शर्मा

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Jaipur News: जयपुर पुलिस द्वारा दो शातिर बदमाशों पर कार्रवाई करने का मामला सामने आया है. इन दो शातिर दोस्तों ने राह चलते लोगों का जीना बेहाल कर रखा था. अब दोनों अब पुलिस की गिरफ्त में है. यह दोनों शातिर राह चलते राहगीर से कभी पर्स लूट ले जाते तो कभी मोबाइल. ऐसा करते करते अब तक यह 44 लूट की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं, लेकिन आखिरकार सोमवार को दोनों शातिर पुलिस के हत्थे चढ़ गए. जिन्होंने पुलिस पूछताछ में अपना जुर्म भी कबूला और कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं.

दरअसल बीते एक साल से दो शातिर दोस्तों की जोड़ी ने शहर के करीब एक दर्जन थाना इलाकों में 44 से अधिक वारदात को अंजाम दिया. लगातार हो रही लूट की वारदातों ने पुलिस के नाक में दम कर रखा था. जिसके बाद पुलिस ने एक स्पेशल टीम का गठन किया और इलाके के कई सीसीटीवी कैमरो की फुटेज खंगाली और जगह-जगह छापेमारी की लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. इसी बीच 20 दिसंबर को कालवाड़ थाना इलाके में एक बुजुर्ग व्यक्ति से मोटरसाइकिल और रुपए लूट की वारदात सामने आई और इसके साथ ही महिला से पर्स लूट का मामला भी संज्ञान में आने के बाद पुलिस अलर्ट हुई और संदिग्ध लोगों की तलाश की गई जिसमें आखिरकार पुलिस को सफलता मिली और सोमवार को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

डीसीपी वेस्ट वंदिता राणा ने बताया कि शहर के वेस्ट इलाके में लगातार मोबाइल और पर्स लूट की वारदातें हो रही थी. इन मामलों में पुलिस ने सोमवार को दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान बनवारी लाल उर्फ पांचू और कैलाश वर्मा के रूप में हुई है. वहीं आरोपियों से लूट की 44 वारदातों का भी खुलासा हुआ है. साथ ही उनके पास से लूट की 25 मोबाइल फोन भी बरामद हुए गए. इसके अलावा लूट की वारदात के लिए उपयोग में ली गई एक मोटरसाइकिल को भी जब्त किया गया है. अब तक इन आरोपियों ने जयपुर के कालवाड़, करधनी, चोमू, कालाडेरा, रेनवाल, फुलेरा समेत अन्य जगहों पर वारदातों के अंजाम देने की बात सामने आई है.

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बता दे कि दोनों शातिर दोस्त अपने महंगे शौक पूरा करने के लिए बीते एक साल से नकबजनी की वारदातों को अंजाम देते आ रहे थे. इसके लिए आरोपी पहले रेकी करते और फिर मोटरसाइकिल पर निकलकर पैदल चलने वाले लोगों को अपना निशाना बनाते थे. ये दोनों शातिर पैदल चलते मोबाइल पर बात करने वाले लोगों से झपट्टा मारकर मोबाइल छीनकर फरार हो जाते थे. इसके अलावा सुनसान जगहों पर पैदल चलने वाली महिलाओं से पर्स और मोबाइल लुटकर रफूचक्कर हो जाते थे. फिर आरोपी लूटे गए मोबाइलों को 2 से 3 हजार रुपए में बेच कर अपने शौक पूरे करते थे.

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