जालोर: SIT ने पेश की चार्जशीट, मटकी का ज्रिक नहीं, हेडमास्टर को माना हत्या का दोषी
Jalore News: जालोर का सुराणा प्रकरण कुछ महीनों पहले काफी चर्चा में रहा. जिसमें एक निजी स्कूल के हेडमास्टर पर आरोप था कि उसने छात्र इंद्र मेघवाल को मटके में पानी पीने की वजह से पीटा था, जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. यह घटना 20 जुलाई को हुई थी. मारपीट के […]
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Jalore News: जालोर का सुराणा प्रकरण कुछ महीनों पहले काफी चर्चा में रहा. जिसमें एक निजी स्कूल के हेडमास्टर पर आरोप था कि उसने छात्र इंद्र मेघवाल को मटके में पानी पीने की वजह से पीटा था, जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. यह घटना 20 जुलाई को हुई थी. मारपीट के बाद करीब 24 दिन बाद इलाज के दौरान बच्चे की मौत हुई थी.
इस घटना की चर्चा पूरे देश में गूंजी. परिवार को न्याय दिलाने के लिए करीब 20 दिनों तक जालोर सहित कई इलाकों में धरना प्रदर्शन भी चला. मामले के तूल पकड़ने पर एक एसआईटी का गठन किया गया. अब इस टीम ने कोर्ट में 1064 पेज की चार्जशीट पेश की है. जिसमें स्टूडेंट की मौत को हत्या माना गया है. इस चार्जशीट में मटकी में पानी पीने की बात का ज्रिक नहीं किया गया है.
चार्जशीट में करीब 78 गवाहों के बयान लिए गए हैं. करीब 1064 पेज की चार्जशीट में पंच, स्कूल के बच्चें व शिक्षकों और अन्य लोगों के बयान के बाद एसआईटी ने माना है कि बच्चे की मौत मटकी के छूने या पानी की वजह से नहीं हुई थी. बल्कि हेडमास्टर छैलसिंह द्वारा बच्चें को थप्पड़ मारने से बच्चे की मौत हुई है. बच्चे को थप्पड़ मारने की बात हेडमास्टर छैलसिंह ने खुद स्वीकार की है. SIT ने 302 हत्या, 3(1)(आर), 3(2)(वी), एसी/एसटी व 75, 82 जे.जे एक्ट में चार्जशीट पेश की है.
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वहीं दूसरी ओर सुराणा के स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ मनिश जोशी ने बताया कि छात्र इंद्र मेघवाल के कान से चार साल से मवाद आ रही थी. उसका कई बार सुराणा, भीनमाल, उदयपुर, डीसा व पालनपुर में ईलाज करवाया गया था. हेडमास्टर ने बच्चे के उसी कान पर थप्पड मारने से उसका इन्फेक्शन बढ़ गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी.
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SIT की चार्टशीट के बाद राजस्थान तक ने मृतक छात्र इंद्र मेघवाल के पिता देवाराम मेघवाल से बात की तो उन्होंने बताया कि अगर सरकार की SIT ने मटकी को छूने का प्रकरण निराधार बताया है तो मैं इस मामले को फिर से गर्म करूंगा, मैं सरकार को फिर से जांच के लिए मजबूर करूंगा. मेरे बेटे ने मरते-मरते कहा था कि मुझे शिक्षक छैंलसिंह ने मटकी के लिए पीटा है. इसलिए मैं तो इस जांच से संतुष्ट नहीं हूं. मैने उस समय लोगों के बहकावे मे आकर सरकार से पैसे की मांग की थी जबकि मुझे पैसे नहीं न्याय चाहिए.
कंटेंट: नरेश बिश्नाई
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