jodhpur cylinder blast: जोधपुर में गैस सिलेंडर त्रासदी में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है. अस्पताल में भर्ती 10 मरीजों को छुट्टी मिल गई है. इस घटना के 17 दिन बाद हादसे में झुलसे दूल्हे सुरेंद्र सिंह ने बताया कि इतना भयानक मंजर कभी नहीं देखा था. लेकिन वापस उसे याद करके भी मेरी रूह कांप रही है. सुरेंद्र सिंह अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं. इस दौरान राजस्थान तक के साथ खास बातचीत में आंखों देखा मंजर बताया.
सुरेंद्र सिंह ने बताया कि मैं दोस्तों के साथ घर में घुसते ही दाएं हाथ की तरफ बने एक कमरे में तैयार हो रहा था. तब अचानक से धमाके के बाद तेज हवा के साथ आग अंदर आने लगी तो सभी कमरे से बाहर की तरफ भागे. लेकिन आंखो से कुछ दिख भी नहीं रहा था. फिर भी सभी रिश्तेदार तीन से चार बार गिर-गिर कर जान बचाने के लिए भाग रहे थे. इसलिए इतने झुलस गए.
बताया कि घर से बाहर निकलने का रास्ता बहुत छोटा था और रास्ता भी एक ही था. अंदर आग इतनी तेज भभक रही थी की आग के अलावा कुछ भी नजर नहीं आ रहा था. जैसे ही मैं बाहर आया तो देखा कि एक के बाद एक आग में झुलस रहे लोग छोटे से दरवाजे से बाहर निकर रहे थे. यह कहानी बताते हुए सुरेंद्र सिंह की आंखे नम हो गई. फिर रुक कर वापस बोला की बारात की तैयारी लगभग पूरी हो हो चुकी थी. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि अब वह ठीक है लेकिन मेरा सब कुछ चला गया. कहते ही फिर रो पड़ा. फिर बोला कि महिलाओं के कपड़े जल गए थे, लेकिन घर के बाहर बैठे रिश्तेदारों के कारण शर्म आई तो पड़ोस में बने मकान में घुस गई और बेहोश हो गई.