Jodhpur News: जोधपुर में बारात निकलने से पहले शादी के घर में ऐसा मातम पसरा कि अभी तक आंसू थमे नहीं हैं. शुक्रवार दोपहर दो और बच्चियों ने गंभीर रूप से जलने के बाद दम तोड़ दिया. अब मृतकों की संख्या 7 हो गई है. ये सब कैसे हुआ, तब पूरा परिवार क्या कर रहा था, लापरवाही कहां हुई जैसे तमाम सवाल अभी भी लोगों के जेहन में हैं. इस पूरे हादसे के चश्मदीद रवींद्र ने बताया कि बारात बन-ठनकर तैयार थी. शादी कर दुल्हन को ले आने के लिए दूल्हा तैयार बैठा था. बारातियों के लिए चाय बन रही थी तभी जोरदार धमाके होने लगे.
राजस्थान के जोधपुर जिले के शेरगढ़ तहसील के भूंगरा में गुरुवार शादी से पहले मौत का तांडव हो गया. चश्मदीद रवींद्र ने बताया कि दोपहर में दूल्हा बने सुरेंद्र सिंह के साथ पूरा परिवार खड़ा था. बारात रवाना होने की तैयारी चल रही थी. उस समय बरातियों के लिए चाय बन रही थी. इस दौरान अचानक गैस सिलेंडर में धमाका हुआ. धमाके के साथ गैस पूरे घर में फैल गई. गैस फैलते ही पूरे घर में आग लगी गई.
घर में महिलाएं और बच्चे थे, सब जलने लगे
घर में अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे जो आग से घिर गए. महिलाओं ने निकलने की कोशिश की तो उनके कपड़े आग में जल गए और शरीर से चिपक गए. महात्मा गांधी अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती पीड़ितों की देखरेख में लगे चश्मदीद और दूल्हे के रिश्ते के भाई रवींद्र सिंह का गला यह बताते हुए भर आया.
एक साथ दो शादियां रुक गईं
रवींद्र ने बताया कि शादी को लेकर सब खुश थे. एक तरफ सुरेंद्र की बारात खोखसर के लिए रवाना होने वाली थी वहीं दूसरी तरफ वहां से एक बारात रिश्ते की बहन के लिए भालू गांव आने वाली थी. वह शादी भी टल गई. सुरेंद्र के फेरे रात के थे, इसलिए बारात चार बजे बाद रवाना करने का तय हुआ था. अचानक हुए हादसे ने सबको झकझोर दिया.
जो गाड़ियां बारात जाने के लिए खड़ी थी वहीं अस्पताल ले गईं
रवींद्र ने बताया कि वह घर के बाहर खड़े थे. अचानक लपटें दिखीं तो अंदर की और दौड़े, लेकिन घर में घुस नहीं सके. अंदर परिवार के बच्चे और महिलाएं आग में घिर चुकी थीं. सब आग बुझाने के प्रयास में लग गए. इस दौरान अंदर से कुछ लोग जलते हुए बाहर आए. उन्हें जो गाड़ियां बारात में जाने के लिए खड़ी थीं उनसे अस्पताल लेकर भागे.
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दूल्हा भी झुलस गया
दूल्हा सुरेंद्र सिंह गुजरात के मोरबी में काम करता है. शादी के लिए वो आया था. इस हादसे में वो खुद गंभीर रूप से झुलस गया है. उसके पिता सगत सिंह, माता धापू कंवर, बहन रसाल कंवर, भाभी पूनम कंवर, भांजा महेश पाल, भतीजा आईपाल सिंह आग में झुलसने के बाद भर्ती हैं जबकि एक भतीजे रतनसिंह की मौत हो गई है. उसका भाई सांगसिंह घर से बाहर था, जो बच गया.
सबकुछ जलकर राख हो गया
रवींद्र ने बताया कि इस हादसे में परिवार का सबकुछ जलकर राख हो गया है. परिवार के सदस्यों के साथ-साथ बाहर से आई बहन बेटियों के कपडे़ व जेवरात सब राख हो गए. आग लगने से दुल्हन ओमकंवर के लिए तैयार बीस तोले सोने के आभूषण के साथ-साथ अन्य बेटियों और बहुओं का करीब पचास तोला सोना भी पूरी तरह से जल गया.