कोटा: वीरांगना के घर के बाहर 24 घंटे पुलिस का पहरा, पुलिस से सवाल पूछने पर कैमरा छीनने की कोशिश

Kota: राजस्थान में वीरांगनाओं ने अपनी कुछ मांगों को लेकर जयपुर में लगातार 11 दिनों तक का धरना दिया. उसके बाद पुलिस ने उन्हें जबरन उनके घर में कैद कर दिया. उस समय प्रशासन का कहना था कि हम सिर्फ वीरांगना की सुरक्षा के लिए है. लेकिन कोटा के सांगोद से शहीद हेमराज मीणा की […]

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Kota: राजस्थान में वीरांगनाओं ने अपनी कुछ मांगों को लेकर जयपुर में लगातार 11 दिनों तक का धरना दिया. उसके बाद पुलिस ने उन्हें जबरन उनके घर में कैद कर दिया. उस समय प्रशासन का कहना था कि हम सिर्फ वीरांगना की सुरक्षा के लिए है. लेकिन कोटा के सांगोद से शहीद हेमराज मीणा की वीरांगना मधुबाला का आरोप है कि उसे पुलिस ने जबरन कैद कर रखा है. राशन पानी का घर में संकट है. बाहर जाने की बात पर थाना इंचार्ज धमकाता है. मजबूरन एक बीजेपी के नेता घर में राशन लेकर आए.

जब राजस्थान तक की टीम ने इस पूरे मामले पर वीरांगना से बातचीत की और उसके बाद जब प्रशासन का पक्ष जानने की कोशिश की. पुलिसकर्मी से जब पूछा गया कि आखिर क्यों वीरांगना को उसके घर में कैद कर रखा है? बाहर आने-जाने की इजाजत क्यों नहीं है? इस पर थाना इंचार्ज के पास लगातार कई बार जाने के बाद और फोन करने के बाद भी बात करने के लिए समय नहीं दिया गया.

ऐसे में कई दिनों बाद जब राजस्थान तक की टीम ने थाने पहुंचकर थाना इंचार्ज से फिर बात करने की कोशिश की तो एक पुलिसकर्मी के द्वारा कैमरा छीनने तक की कोशिश की गई. मजबूरन वहां पर वॉक थ्रू करके और पूरी घटना के बारे में बताया गया, जिसमें थाने का मुखिया भी अपनी जवाबदेही से बचता हुआ दिखाई दिया. पुलिसकर्मी के द्वारा कैमरा छीनने की कोशिश की गई

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वीरांगना मधुबाला मीणा का कहना है कि मैं जयपुर में धरने पर बैठी थी तो पुलिस प्रशासन कहता है कि जहां तुम धरने पर बैठी हो यहां कुत्ते पेशाब कर कर जाते हैं. ऐसे में पुलिस प्रशासन और सरकार क्या इज्जत करती है. इतना ही नहीं यह तक कह दिया पुलिस ने की फौजी तो पैदा ही शहीद होने के लिए है.

वीरांगना ने बताया कि मुझे जब से जयपुर से पुलिस उठाकर लेकर आई है तब से घर के अंदर कैद कर कर रखा है. ऐसे में नहीं तो मैं बाहर बच्चों का एडमिशन करवाने जा सकती, नहीं घर का राशन लेने यहां तक की निकलती हूं. पुलिस मेरे पीछे-पीछे जासूसी करती है. मैं दो दिन पहले झालावाड़ शहीद फौजी की बेटी के जन्मदिन पर गई थी तो पुलिस मेरे पीछे पीछे सिविल ड्रेस और सादा गाड़ी में जासूसी करते हुए झालावाड़ पहुंची.

सांगोद के थाना अधिकारी राजेश कुमार सोनी को कई बार फोन कर चुकी हूं कि आप मेरे घर के बाहर से पुलिस हटा दें. पर वह कहते हैं कि तुम जहां भी जाओगी मुझे बता कर जाओगी. इतना ही नहीं, यह दबाव बना रहे हैं रि बयान बदल दो. इस समय मैं बयान कैसे बदल दूं. मुझे सड़कों पर जयपुर में घसीटा गया. हमारे बाप बराबर किरोड़ी लाल बाबा है, उनके साथ पुलिस ने गलत किया और वह अस्पताल में भर्ती है ऐसे में मैं बयान कैसे बदल दूं?

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