कलेक्टर पर भड़कने के बाद मंत्री ने दी सफाई, बोले- कोई विशेष बात नहीं थी

ललित यादव

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फोटो: रमेश मीणा के ट्वीटर से
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Rajasthan News: बीकानेर में राजीविका से जुड़े एक समारोह में मंत्री रमेश मीणा द्वारा जिला कलेक्टर को बाहर निकाले जाने की घटना के विरोध में ब्यूरोक्रेसी की बढ़ती नाराजगी के बाद अब मंत्री रमेश मीणा ने इस मामले में अपनी सफाई पेश की है. झुंझुनू में देर रात उन्होंने इस मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा कि कार्यक्रम के बीच में कलेक्टर फोन पर बात और चैट कर रहे थे इसलिए मैंने उन्हें बाहर जाने को कहा इसमें ऐसी कोई विशेष बात नहीं थी.

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा के अनुसार कार्यक्रम में मनरेगा में महिलाओं की स्थिति और विभिन्न योजनाओं में महिलाओं की भागीदारी को लेकर चर्चा चल रही थी जिसमें बड़ी संख्या में इससे जुड़ी महिलाएं भी शामिल हुई थी. मंत्री ने कहा यह महिलाएं कांग्रेस को वोट देती है और उनकी समस्याओं को लेकर कार्यक्रम था, कलेक्टर को ध्यान देना चाहिए था लेकिन उस और उनका ध्यान नहीं जाना, इग्नोर करना यह बड़ी बात है, जबकि अधिकारियों को काम करना चाहिए.

मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि जिलों में जाकर लोगों की सुनवाई करें और लोगों के काम करवाएं. इसमें यदि हम ही लोगों के काम के लिए नहीं कहेंगे तो फिर और कौन कहेगा. बीते सोमवार को बीकानेर के रविंद्र मंच पर भरे समारोह के बीच मंत्री रमेश मीणा ने जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद को बाहर जाने को कह दिया था. मंत्री के संवाद के दौरान कलेक्टर के पास किसी का फोन आ गया जो कलेक्टर ने रिसीव कर लिया जिससे मंत्री रमेश मीणा भड़क गए.

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मीणा ने मंच से ही कह दिया कि मैं मुख्यमंत्री की गाइडलाइन बता रहा हूं और आप फोन पर बात कर रहे. मंत्री यहीं नहीं रुके बल्कि यह भी कह दिया कि ब्यूरोक्रेट्स इतने हावी हो गए हैं क्या और साथ ही कलेक्टर को कार्यक्रम से बाहर जाने के लिए कह डाला जिसके बाद बीकानेर कलेक्टर कार्यक्रम छोड़कर बाहर चले गए.

राजस्थान आईएएस एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नाराजगी जताई
मंत्री के इस व्यवहार से नाराज राजस्थान आईएएस एसोसिएशन ने मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और सोमवार रात सीनियर आईएएस समित शर्मा ने मुख्य सचिव के जरिए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. पत्र में लिखा गया कि पहले भी मंत्री या जनप्रतिनिधियों द्वारा ब्यूरोक्रेट्स से इस प्रकार दुर्व्यवहार किया गया. पॉलिटिकल स्कोर करने के लिए जनप्रतिनिधि ब्यूरोक्रेट्स को टारगेट करते हैं, जिससे अधिकारियों का मनोबल प्रभावित होता है. इसलिए भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं ना हो इसके लिए उचित कार्रवाई की जाए.

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