नाले की खुदाई में निकले 250 से ज्यादा अंडे, जब वे फूटे तो भागने लगे लोग, जानें

मनोज तिवारी

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नाले की खुदाई में निकले 250 से ज्यादा अंडे, जब वे फूटे तो भागने लगे लोग, जानें
नाले की खुदाई में निकले 250 से ज्यादा अंडे, जब वे फूटे तो भागने लगे लोग, जानें
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Tonk News: राजस्थान के टोंक जिले में एक अजीब वाकया सामने आया. नाले की खुदाई के समय 250 से ज्यादा अंडे मिले. लोग अभी ये सोच ही रहे थे कि ये किस जानवर के अंडे हैं उसी समय अंडे से सपोले निकलकर रेंगने लगे. लोग वहां से भाग कर दूर चले गए. लोगों ने वन विभाग को सूचित किए बिना ही अंडे नष्ट कर दिए.

सांप या सपोले चाहे विषैले हों या फिर विषहीन उन्हें देखने के बाद किसी के भी शरीर में सिहरन दौड़ जाना और पसीने छूट जाना स्वाभाविक है. टोंक जिले के टोडारायसिंह उपखंड के मोर गांव में नाली की खुदाई के दौरान सांप का बिल भी उसमें आ गया.बिल की खुदाई के दौरान सांप के लगभग 250 से अधिक अंडे व सपोले देखे जाने के बाद लोग हैरान रह गए.

अज्ञानता व कौतूहल के चलते वहां मौजूद लोगों नें कई अंडों को फोड़ दिया जिससे उसमें सपोले निकलने शुरू हो गए. इतने सारे अंडे व सपोले के एक साथ नजर आने के बाद घबराए मकान मालिक व अन्य लोगों ने कई को मौत के घाट उतार दिया तो कई अंडो व सपोलों को गांव से दूर जंगल में फेंक दिया.

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चैकर्ड कील बेक प्रजाति के सांप के थे अंडे
सर्प विशेषज्ञ विवेक शर्मा, रॉकी डेनियल व जय कुमार ने बताया कि ये अंडे व सपोले सामान्य रूप से नदी नालों में पाये जाने वाले पानी के सांप यानि की चैकर्ड कील बेक के थे, जिनका इन दिनों प्रजनन का समय चल रहा है.सांपों की यह प्रजाति पूरी तरह से विषहीन होती है.

इतने सारे अंडे व सपोले एक साथ कैसे मिले?
सर्प विशेषज्ञ बताते हैं कि कील बेक की मादा एक बार में 40-50 अंडों तक निषेचन करती है और लगभग 60-70 दिनों बाद उनमें से सपोलों का निकलना शुरू हो जाता है. इतने सारे अंडों व सपोलों के मिलने के पीछे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां कुछ मादाओं ने समूह में अंडों का निषेचन किया होगा.

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वैज्ञानिक तरीके से अंडों से निकाले जा सकते थे सपोले
सर्प विशेषज्ञों के अनुसार ग्रामीणों ने जिस तरह से अंडे तोड़े व कुछ सपोलों को जिंदा व मारकर सुनसान ईलाके में छोड़ा जो पूरी तरह से गलत है. इन अंडों से विशेषज्ञों की देखरेख में वैज्ञानिक तरीके से सपोलों का जन्म कराया जा सकता था.

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