नागौर: ट्रांसजेंडर राजकुमारी को अब सरकारी दस्तावेज में मिली पहचान, बोलीं- हम अलग-थलग नहीं

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Nagaur News: समाज में अपने पहचान के लिए संघष कर रहे ट्रांसजेंडर्स को भी सरकार ने पहचान पत्र जारी करना शुरू कर दिया है. यानी वो जिस पहचान के साथ समाज में हैं उन्हें अब सरकारी दस्तावेजों में भी स्वीकार्यता मिलनी शुरू हो गई है. अब राज्य की ट्रांसजेंडर्स को सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिलने लगेगा.

इसे लेकर सरकार द्वारा लागू की गई ‘ट्रांसजेंडर उत्थान कोष योजना’ के तहत ट्रांसजेंडर परिवार को पहचान पत्र जारी किए गए हैं. इसी क्रम में मेड़ता सिटी की किन्नर समाज की गद्दीपति ट्रांसजेंडर राजकुमारी किन्नर को पहला पहचान पत्र जारी किया गया. इस पहचान पत्र को बाल कल्याण समिति अध्यक्ष डॉ. मनोज सोनी ने उनके घर जाकर दिया.

पहचान पत्र पाकर ट्रांसजेंडर राजकुमारी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उन्होंने सरकार और नागौर जिला कलेक्टर पीयूष समरिया का आभार व्यक्त किया है. पहचान पत्र देने के साथ ही सरकार शिक्षा से स्वास्थ्य तक, व्यवसायिक प्रशिक्षण से लेकर व्यवसाय तक राज्य सरकार हर क्षेत्र में इनकी सहायता करेगी. ट्रांसजेंडर्स की सामाजिक सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने 10 करोड़ की ट्रांसजेंडर उत्थान कोष योजना लागू कर दी है.

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चिकित्सा सुविधा और स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे
राज्य में ट्रांसजेंडर्स के लिए शिक्षा, छात्रवृत्ति के साथ-साथ स्वरोजगार की योजना सरकार ने लागू की है.उसी क्रम में नागौर जिले में भी ट्रांसजेंडर्स को निशुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया, ट्रांसजेंडर्स का लिंग परिवर्तन सर्जरी, अन्य चिकित्सा सुविधा के लिए चिरंजीवी योजना से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. स्कूल और कॉलेज शिक्षा में 1000 रुपए की छात्रवृति हर महीने ट्रांसजेंडर्स बच्चों को मिल सकेगी. मैट्रिक से पहले 225 रुपए प्रति महीने छात्रवृति दी जाएगी. इसके अलावा 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी, बशर्ते वे घर से दूर रहता हों. वहीं, स्वरोजगार के लिए 50 हजार रुपए तक का ऋण मिल सकेगा.

इनपुट: केशाराम गढ़वार

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