अब गहलोत के दो मंत्री हो गए आमने-सामने, धारीवाल के आरोप पर आगबबूला हुए खाचरियावास
Pratap Singh Khachariawas got angry on Dhariwal: राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में अंतरकलह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. गहलोत वर्सेज पायलट (Gehlot vs pilot) मामले में भले ही दोनों नेताओं ने चुप्पी साध ली हो पर माना जा रहा है कि ये तूफान से पहले की शांति है. इसी बीच अब मुख्यमंत्री अशोक […]

Pratap Singh Khachariawas got angry on Dhariwal: राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में अंतरकलह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. गहलोत वर्सेज पायलट (Gehlot vs pilot) मामले में भले ही दोनों नेताओं ने चुप्पी साध ली हो पर माना जा रहा है कि ये तूफान से पहले की शांति है. इसी बीच अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के दो मंत्री ही आमने सामने हो गए हैं. मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) के आरोप का जवाब देते हुए मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) ने उन्हें झूठा करार दिया है.
दरअसल उदयपुर पहुंचे मंत्री शांति धारीवाल ने जब भाषण देना शुरू किया तो स्मार्ट सिटी की रेस में जयपुर को सबसे पिछड़ा बता डाला. और तो और बिना किसी का नाम लिए ये तक कह दिया कि जयपुर से छह-छह विधायक और तीन-तीन मंत्री हैं जो आपस में एक दूसरे की टांग खींचते रहते हैं. जिसकी वजह से ही जयपुर स्मार्ट सिटी की रेस में सबसे पीछे पहुंच चुका है.
धारीवाल के बयान पर
स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के इस आरोप के बाद कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास काफी गुस्से में हैं. खाचरियावास ने अब धारीवाल को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने उनसे पूछा है कि ज्ञान की गंगा बहाने वाले शांति धारीवाल बताएं कि वो खुद जयपुर में कितनी मीटिंग्स में शामिल हुए हैं. खाचरियावास ने तो ये तक कह दिया कि धारीवाल के बयान से तो ऐसा लगता है कि जयपुर को लेकर उनकी नीयत में ही खोट है. झूठे बयान देना उनकी आदत है और ऐसे झूठे बयान देकर माहौल बनाते हैं. धारीवाल ने तो पूरा दम लगाया कोटा में ही पूरा विकास करूं, लेकिन हमें काम करवाना आता है.
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जयपुर के मंत्री विधायकों को सर्टिफिकेट न बांटें- खाचरियावास
यही नहीं प्रताप सिंह ने तो मंत्री धारीवाल को यहां तक नसीहत दे दी कि वो जयपुर के मंत्री और विधायकों को सर्टिफिकेट नहीं बांटे. उन्हें यह अच्छा नहीं लगता है. वो पूरे राजस्थान के मंत्री हैं और पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ दिया है, लेकिन उनका बयान पार्टी के हित में होना चाहिए. तब वो ऐसे गलत बयान दे रहें हैं.
अब सोचिए चुनावी साल में जब कांग्रेस के नेताओं और मंत्रियों को एक होकर बीजेपी को घेरना चाहिए था. तब ऐसे वक्त में भी मंत्री आपस में ही एक दूसरे की टांग खिंचाई कर रहे हैं. अब दिल्ली वाले इसमें क्या कर सकते हैं. जब अपने लोग ही नाव डुबोने पर आमादा हों तो फिर बिपरजॉय जैसे तूफान की भी जरुरत नहीं पड़ेगी.