Karauli News: राजस्थान के करौली में लंबी बीमारी के बाद एक शख्स का निधन होने पर उनकी 3 बेटियों के द्वारा पुत्र धर्म निभाने का मामला सामने आया है. तीनों बेटियों ने समाज की वर्षों पुरानी रूढ़िवादी परंपरा को तोड़ते हुए पहले अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया और उसके बाद बड़ी बेटी ने मुखाग्नि दी.
दरअसल, पूरा मामला करौली जिले की नादौती तहसील के गुढ़ाचंद्रजी कस्बे का है जहां के रहने वाले देवेन्द्र नायक का लंबी बीमारी के चलते बुधवार को निधन हो गया. पिता की मृत्यु के बाद मृतक देवेन्द्र नायक की बेटियों ने पुत्र का फर्ज निभाते हुए अपने पिता का विधि-विधान अंतिम संस्कार किया.
मृतक के नहीं था कोई बेटा
गुढ़ाचन्द्रजी निवासी कपिल सैन और दीपेंद्र सिंह राजावत ने बताया कि देवेन्द्र नायक का जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा था. बुधवार अल सुबह उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई. मृतक का शव गुढ़ाचंद्रजी स्थित घर पहुंचा तो परिजनों में कोहराम मच गया. मृतक के कोई बेटा नहीं था इसलिए उनकी बेटी पूजा, पिंकी और भावना ने बेटे का फर्ज निभाया. वे तीनों अपने पिता की अर्थी को कंधा देते हुए श्मशान घाट लेकर पहुंची और बड़ी बेटी ने मुखाग्नि दी.
बेटियों ने समाज को दिया संदेश
बेटियों को पुत्र का फर्ज निभाते देखकर अंतिम संस्कार में मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गई. मृतक देवेंद्र नायक की तीनों बेटियों ने श्मशान घाट में पहुंचने के बाद अंतिम संस्कार की सभी क्रियाएं कर समाज को एक संदेश दिया कि बेटियां भी बेटों से कम नहीं हैं.
स्कूल में टीचिंग का काम कर करवाया अपने पिता का इलाज
मृतक देवेंद्र नायक चालक का काम करता था जिसकी तबीयत काफी समय से खराब थी. इसके चलते तीनों बेटियों के कंधे पर परिवार का आर्थिक बोझ उठाने की जिम्मेदारी आ पड़ी. उन्होंने प्राइवेट विद्यालय में टीचिंग का काम कर परिवार की जिम्मेदारी उठाई. इसके अलावा उन्होंने पिता का इलाज करवाने का भरसक प्रयास किया लेकिन गंभीर बीमारी के चलते वह उन्हें नहीं बचा पाई.
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