Rajasthan News: भारत जोड़ो यात्रा का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. यह वीडियो अलवर के सर्किट हाउस का है. जिसमें राजस्थानी गाने का आनंद लेते राहुल गांधी नजर आ रहे हैं. साथ ही एआईसीसी महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह, कैबिनेट मंत्री रामलाल जाट, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा सहित कई नेता भी हैं. भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान से गुजरने के बाद अब जल्द ही दिल्ली पहुंचेगी. तो फिर इस राजस्थान वाले वीडियो की चर्चा क्यों?
चर्चा इसलिए क्योंकि राहुल गांधी के साथ सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी मौजूद हैं. राहुल गांधी इन दोनों नेताओं को घेरे में जाने के लिए कहते दिख रहे हैं. उसी घेरे में जिसमें लोक कलाकार डांस करते नजर आ रहे हैं. इस दौरान इशारें का मतलब साफ था कि राहुल गांधी दोनों दिग्गजों को साथ में प्रस्तुति का लुत्फ उठाने की बात कह रहे हैं. यानी एकजुटता का संदेश.
बड़ा सवाल यह हैं कि बार-बार गहलोत और पायलट को साथ लाने की राहुल गांधी की ये कोशिश कितना रंग लाएगी? राहुल गांधी के इन प्रयासों के पीछे के राजनीतिक दर्शन को समझा जाए तो ऐसा लगता है कि वो जानते हैं गहलोत और पायलट के बिना राजस्थान का भविष्य मुश्किल होगा. शायद राहुल गांधी दोनों में से किसी एक को चुनने वाली परिस्थिति का सामना नहीं करना चाहते. वो जानते हैं कि यह तस्वीर राजस्थान कांग्रेस ही बल्कि राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए भी खतरनाक होगी. क्योंकि इस गुटबाजी की तस्वीर के चलते ही शायद गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से चूक गए या यूं कहे कि गहलोत खुद ही पद को ठुकरा गए.
25 सितम्बर की बगावत की रात से अलवर के सर्किट हाउस की रात तक
जब बात अलवर के सर्किट हाउस की रात की हो रही है. तभी यादें 25 सितंबर की बगावत वाली रात की भी ताजा हो जाती हैं. क्योंकि जब कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के ऐलान के बाद इस पद पर सबसे आगे गहलोत का नाम चल रहा था. तब उस रात कांग्रेस के 102 विधायकों की बगावत ने सब कुछ बदल दिया. एक पल के लिए संदेश यह भी गया कि गांधी परिवार के खास गहलोत ने दशकों पुराने वाले सियासी रिश्तों को भी दांव पर लगा दिया हैं.
बताया जा रहा था कि ये गांधी परिवार की पहली पसंद थे. वहीं, गहलोत का नाम घोषित होने के दौरान पायलट को अगले मुख्यमंत्री के तौर पर लोग देखा जाने लगा. जिसके बाद गहलोत खेमे ने इसे लेकर बगावत कर दी. जिसका नतीजा ये रहा कि 25 सितंबर को बुलाई गई विधायक दल की बैठक का गहलोत गुट के विधायकों ने बहिष्कार कर दिया.
गहलोत गुट के नेताओं ने मीडिया में खुलकर कहा कि सरकार बचाने वाले 102 विधायकों यानी गहलोत गुट से ही सीएम बने. जिसके बाद पार्टी की अनुशासन समिति ने गहलोत के तीनों करीबियों यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ और कैबिनेट मंत्री डॉ. महेश जोशी को कारण बताओ नोटिस भेजा गया. जिसका फैसला फिलहाल होना है.


जिसके बाद अब एक तस्वीर अलवर में सर्किट हाउस की रात की सामने आई है. जिसमें लोक कलाकार भारत जोड़ो यात्रा की राजस्थान की उपलब्धियों को गा रहे हैं. एक उपलब्धि सीएम अशोक गहलोत को उनकी योजनाओं के बारें में भी सुनाई दी. जिसकी तारीफ मालाखेड़ा (अलवर) की जनसभा में राहुल गांधी ने की. लेकिन एक उपलब्धि शायद राहुल गांधी भी अपने नाम करना चाहते हैं. वह उपलब्धि है राजस्थान कांग्रेस को एकजुट करने की. जिसके लिए उन्होंने पहला प्रयास दिसंबर 2018 में किया.
जब कांग्रेस ने राजस्थान का रण जीता और तत्कालीन पीसीसी चीफ सचिन पायलट पर भरी पड़े गहलोत. पायलट की नाराजगी को कम करने के लिए खुद राहुल गांधी आगे आए और दोनों नेताओं के साथ तस्वीर शेयर की. जिसका कैप्शन दिया ‘यूनाइटेड कलर्स ऑफ राजस्थान’. अब सवाल यही है कि क्या यही एकजुटता वाली तस्वीर फिर से दिखेगी?