Rajasthan News: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गुरुवार को लखनऊ में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद वसुंधरा राजे ने सोशल मीडिया पर मुलाकात की तस्वीरें साझा की हैं.
वसुंधरा राजे ने तस्वीर ट्वीट कर कहा- ‘उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से लखनऊ में शिष्टाचार मुलाकात हुई। लोक कल्याण के मार्ग पर चलते हुए योगी जी ने उत्तर प्रदेश को उन्नति की जो ऊंचाइयां दी है, वह निश्चित रूप से अभूतपूर्व हैं।’
वसुंधरा राजे ने सीएम योगी से हुई इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया है. हालांकि राजनैतिक पटल पर इस मुलाकात के अलग मायने भी हैं. अपराधियों, माफियाओं, गुंडों के खिलाफ योगी सरकार के एक्शन फॉर्मूले की चर्चा गाहे-बगाहे पूरे देश में रहती है. राजस्थान में भी गैंगस्टर, पेपर लीक माफियाओं का बोलबाला होने से बीजेपी यहां योगी सरकार के फॉर्मूले पर चलकर अपराध मिटाने, पेपर लीक जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने की वकालत करती नजर आ रही है. वर्ष 2023 में चुनाव है. ऐसे में बीजेपी ये दावा कर रही है कि उनकी सरकार आई तो वे गैंगस्टर, पेपर लीक माफियाओं और गुंडों को सबक सिखाएंगे. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात को इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है.
राजस्थान में फेस वार
राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों में फेस वार जारी है. कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने के बाद से ये चर्चा है कि क्या प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के तहत पायलट सीएम बनेंगे या गहलोत सीएम बने रहेंगे. ये भी चर्चा है कि किसके चेहरे पर 2023 का चुनाव होगा. इधर बीजेपी के केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य ओम माथुर ने भी फेस वार से अछूता नहीं है. यहां भी कई कद्दावर अपना दम-खम दिखा रहे हैं. पूर्व सीएम राजे भले ही जनाक्रोश यात्रा में सक्रिय न दिखीं हों पर वो कहीं न कहीं एक्टिव नजर आने लगी हैं. उधर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है. राजेंद्र राठौड़ भी इस दौड़ में कहीं न कहीं नजर आ रहे हैं.
ओम माथुर के इस बयान से सुगबुगाहट हुई तेज
इधर बीजेपी के केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य ओम माथुर ने नागौर के परबतसर में कहा कि चेहरा कौन होगा यह सिर्फ पार्लियामेंट्री बोर्ड ही तय करेगा. इसके साथ ही ओम माथुर का ये बयान ‘अब मैं केंद्रीय चुनाव समिति में हूं. कोई गलतफहमी मत पाल लेना. मैं जहां खूंटा गाड़ दूंगा, वहां मोदी जी भी कुछ नहीं हिला सकते.’ के बाद प्रदेश के कार्यकर्ताओं में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उनकी भूमिका पर भी सुगबुगाहट तेज हो गई है.