एक साल से भी कम समय में राजस्थान की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी 'बाप', जानें कितने हैं MLA-MP
Bharatiya adivasi party: भारतीय आदिवासी पार्टी ने महज 8 महीनों में ही राजस्थान में अपनी सियासी पकड़ मजबूत कर ली है.
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लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे काफी चौंकाने वाले रहे. इस बार राजस्थान के टीएसपी क्षेत्र यानी मेवाड़ और वागड़ में भी बड़ा उलटफेर देखने को मिला. क्योंकि यहां भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) महज 8 महीने में ही राजस्थान में आरएलपी और आम आदमी पार्टी से बड़ी पार्टी बन गई. अब 'बाप' पार्टी बीजेपी और कांग्रेस के बाद प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है.
दरअसल, लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के तहत भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) के राजकुमार रौत (Rajkumar Raut) ने कद्दावर नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीय (Mahendrajeet Singh Malviya) को बडे़ अंतर से शिकस्त देकर प्रदेश की सियासत में खलबली पैदा कर दी है. यही नहीं, मालवीय के बीजेपी में शामिल होने से खाली हुई बागीदौरा सीट पर उपचुनाव में भी भारतीय आदिवासी पार्टी की विजय हुई है. बागीदौरा से 'बाप' के जयकृष्णा पटेल ने 51 हजार से अधिक वोटों से चुनाव जीता है.
विधानसभा चुनाव में भी BAP के प्रदर्शन ने चौंकाया
भारतीय आदिवासी पार्टी का गठन राजस्थान में विधानसभा चुनाव के ठीक 2 महीने पहले हुआ था. इसके बाद विधानसभा चुनाव में राजकुमार रौत समेत तीन विधायकों ने जीत का परचम लहराया. चौरासी विधानसभा से राजकुमार रोत, डूंगरपुर जिले के आसपुर विधानसभा से उमेश मीणा और प्रतापगढ़ जिले की धरियावद सीट से थावरचंद ने जीत दर्ज की और विधायक बने. वहीं बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले की कई विधानसभाओं में भारतीय आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे.
आदिवासी इलाके में दर्ज की दोहरी जीत
राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य बांसवाड़ा लोकसभा सीट में बाप पार्टी ने दोहरी जीत हासिल कर सबको हैरान कर दिया है. लोकसभा चुनाव में बाप के प्रत्याशी राजकुमार रोत ने आदिवासी समुदाय के सबसे बड़े नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीय को 2 लाख 47 हजार से अधिक वोटों के बड़े अंतर से हराया. वहीं बागीदौरा विधानसभा के उपचुनाव में भी इस सीट पर भारतीय आदिवासी पार्टी ने कब्जा कर लिया है. इस तरह कद्दावर नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीय के गढ़ में दोहरी जीत हासिल कर बाप पार्टी चर्चा का केंद्र बन गई है.
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