बसेड़ी विधानसभा: 2008 में अस्तित्व में आई थी यह सीट, 3 चुनावों में 2 बार बीजेपी तो एक बार जीती कांग्रेस
Baseri VidhanSabha Seat Details: धौलपुर जिले का बसेड़ी साल 2008 में परिसीमन के बाद नया विधानसभा क्षेत्र बना था. पहली बार यहां से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर सुखराम कोली विधायक बने. 2008 में हुए चुनाव में कुल 78 हजार वोट पड़े जिसमें से भाजपा के सुखराम कोली 28109 वोट प्राप्त कर विधायक […]
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Baseri VidhanSabha Seat Details: धौलपुर जिले का बसेड़ी साल 2008 में परिसीमन के बाद नया विधानसभा क्षेत्र बना था. पहली बार यहां से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर सुखराम कोली विधायक बने. 2008 में हुए चुनाव में कुल 78 हजार वोट पड़े जिसमें से भाजपा के सुखराम कोली 28109 वोट प्राप्त कर विधायक बन गए. जबकि निकटम प्रतिद्वंदी निर्दलीय उषा जाटव को 20365 वोट मिले. वहीं कांग्रेस (Congress) के बद्री प्रसाद 17962 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे. राजस्थान तक की खास सीरीज के तहत आज हम आपको बताने जा रहे हैं बसेड़ी विधानसभा सीट पर जातिगत समीकरण, यहां के संभावित उम्मीदवार, पिछले 25 सालों का चुनावी इतिहास और भी बहुत कुछ.
बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र में सरमथुरा इलाका भी आता है जहां पत्थर की खदानें हैं. क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति की बात करें तो इस क्षेत्र में ज्यादातर डांग क्षेत्र है. अगर विकास की बात की जाए तो यह क्षेत्र खासा पिछड़ा है. वहीं डांग क्षेत्र होने के कारण दस्युओं का भी अधिक आतंक रहता है. ज्यादातर ग्रामीण अंचल होने के कारण लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती और पत्थर व्यवसाय है. सरमथुरा उपखंड में एक और व्यवसाय चम्बल से रेत निकासी का था जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा बैन कर दिया गया.
बसेड़ी के सरमथुरा में स्थित दमोह झरना पूरे जिले में मुख्य पर्यटन स्थल है. इसके अलावा जंगली जानवरों के साथ एक लंबी और हरी जंगल श्रृंखला है. बाड़ी- बसेड़ी सडक मार्ग पर भूतेश्वर मंदिर और पंचमुखी हनुमान मंदिर के बीच बहने वाली पार्वती नदी है. रमधा, प्राचीन बौद्ध मठ और सरमथुरा में प्राचीन महाकालेश्वर मंदिर भी है. यहां के भू-गर्भ में विश्व प्रसिद्ध धौलपुर स्टोन का अथाह भण्डार छिपा है जो लोगों के लिए रोजगार का साधन है.
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सीट का जातिगत समीकरण
बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 1,98,000 हैं जिसमें 30 हजार मीणा, 35 हजार जाटव, 28 हजार राजपूत, 20 हजार ब्राह्मण, 20 हजार गुर्जर, 20 हजार कुशवाह, 12 हजार मुस्लिम, 6 हजार वैश्य, 6 हजार कोली, 6 हजार कश्यप और 15 हजार अन्य जाति के मतदाता हैं.
साल 2008 का विधानसभा चुनाव परिणाम
साल 2008 में इस विधानसभा सीट पर पहली बार हुए चुनाव में बीजेपी के सुखराम कोली को 28109 मत, निर्दलीय ऊषा को 20365 मत, कांग्रेस के बद्रीप्रसाद को 17062 मत और बीएसपी के रामनिवास को 7714 मत मिले थे. सुखराम कोली ने निर्दलीय ऊषा को 7744 वोटों के अंतर से हराया था.
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साल 2013 का विधानसभा चुनाव परिणाम
साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की रानी सिलोटिया को 38678 मत, एनपीईपी के छीतरिया को 32930 मत और कांग्रेस के ओमप्रकाश को 19832 मत मिले थे. रानी सिलोटिया ने छीतरिया को 5748 मतों से हराया था.
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साल 2018 का विधानसभा चुनाव परिणाम
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाड़ी लाल बैरवा को 54297 मत, बीजेपी के छीतरिया लाल जाटव को 36741 मत और निर्दलीय सुखराम कोली को 18593 वोट मिले थे. खिलाड़ी लाल बैरवा ने छीतरिया को 17556 वोटों के बड़े अंतर से पटकनी दी थी.
क्षेत्र की मुख्य समस्याएं:
1. सरमथुरा क्षेत्र में वन विभाग की जमीन पर कई दशकों से आमजन निवास कर रहे हैं लेकिन उनको पट्टे नहीं दिये जा रहे. सरमथुरा कस्बे की करीब 80 प्रतिशत जमीन वन विभाग की है जिस पर कई सरकारी ऑफिस बने हुये हैं और आमजन भी रह रहे है लेकिन पट्टे नहीं मिल पा रहे.
2. सरमथुरा में रोजगार के कई साधन हो सकते हैं अगर वन विभाग सरकार से एनओसी लेकर खनन पट्टे जारी कर दे. इससे अवैध खनन से भी मुक्ति मिल जायेगी और सरकार को राजस्व मिलेगा.
3. सरकार झिरी और मदनपुर ग्राम पंचायत में बजरी खनन के लिये पट्टे देकर अवैध बजरी दोहन को रोक सकती है जिससे सरकार को राजस्व भी मिलेगा.
4. सरमथुरा और बसेड़ी में 100 बेड का अस्पताल होना आवश्यक है. अभी 50 बेड का अस्पताल है. इसके अलावा बसेड़ी और सरमथुरा में अलग से कन्या महाविद्यालय खुलने चाहिये.
5. कालीतीर परियोजना से चम्बल से पानी लिफ्ट कर पार्वती एवं रामसागर बांध में छोड़ने से सिर्फ बसेड़ी, बाड़ी, सैपऊ, धौलपुर और राजाखेड़ा को सीधा नहर के द्वारा लाभ मिलेगा. लेकिन सरमथुरा उपखंड को सीधे तौर पर लाभ नहीं मिल पायेगा. इसके लिए बीलौनी नदी में ओंड मंडरायल से चम्बल से पानी लिफ्ट कर छोड़ा जाये तो सीधे तौर पर पूरे जिले को पानी की समस्या से निजात मिल जाएगी.
6. बसेड़ी एवं सरमथुरा में रोडवेज बस स्टैंड का निर्माण और रोडवेज बसों के फेरे बढ़ाये जाये. इसके अलावा सरमथुरा-नादनपुर-बसेड़ी मार्ग को नवीन और चौड़ाई के साथ बनाया जाए. वहीं सोने का गुर्जा-सरमथुरा-चन्देलीपुरा-मंडरायल-सबलगढ़ मार्ग को भी बनाने की जरूरत है.
7. पत्थर की खदानें होने के बावजूद यहां किसी भी पार्टी के नेता ने सीमेंट फैक्ट्री के लिए आवाज तक नहीं उठाई. अगर इस क्षेत्र में सीमेंट फैक्ट्री खुल जाती है तो वह क्षेत्र में रोजगार के लिए मील का पत्थर साबित होगी.
बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान में कांग्रेस के खिलाड़ी लाल बैरवा विधायक हैं जो राजस्थान एससी आयोग के अध्यक्ष भी हैं. कांग्रेस के टिकट पर सांसद का चुनाव लड़े संजय जाटव, भाजपा के पूर्व विधायक सुखराम कोली, पूर्व विधायक रानी सिलोटिया, बीजेपी के बबलू कोली, बीजेपी की गुड्डी मौर्य और चंद्रशेखर मौर्य लोगों से जनसम्पर्क कर रहे हैं और टिकट की दौड़ में हैं. अब देखना होगा कि इस बार के होने वाले चुनाव में कांग्रेस, बीजेपी और बसपा किस चेहरे पर अपना दांव खेलेगी.
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