किरोड़ीलाल मीणा के इस्तीफा प्रकरण पर जब मचा बवाल तो उन्होंने बता दिया कि किससे हैं उनकी नाराजगी?

Sandeep Mina

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दौसा में किरोड़ीलाल मीणा बोले- 'कौन CM नहीं बनना चाहता, अगर कन्हैया लाल हारा तो मंत्री पद त्याग दूंगा' 
दौसा में किरोड़ीलाल मीणा बोले- 'कौन CM नहीं बनना चाहता, अगर कन्हैया लाल हारा तो मंत्री पद त्याग दूंगा' 
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कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा प्रकरण बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया. सत्ताधारी दल बीजेपी और सीएम भजनलाल शर्मा के लिए यह गले की फांस जैसा है. क्योंकि उनके इस्तीफे होने की बात को काफी समय तक गोपनीय रखा गया और फिर अचानक ही डॉ. मीणा अतिवृष्टि प्रभावित इलाकों में बतौर आपदा और राहत मंत्री दौरा करने भी पहुंच गए थे. जिसके बाद कांग्रेस ने सियासी वार भी किया था. अब इस मामले में खुद मंत्री ने बयान दिया है. उन्होंने दौसा में कहा कि वह किसी से नाराज नहीं है, उनकी नाराजगी खुद से ही है. क्योंकि जनता ने उनके कहने से वोट नहीं दिए.

उन्होंने कहा कि वे हमेशा पार्टी का और जनता का काम करते आए हैं और वर्तमान में कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि विभाग का काम संभालना पड़ता है. हाल ही में जब बाढ़ आई तो वे 5 जिलों का दौरा भी करके आए और बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत की राशि भी पहुंचाई.

 

 

डॉ. मीणा से जब नाराजगी को लेकर काफी सवाल पूछे गए तो उन्होंने कहा कि वे ना तो पार्टी से नाराज हैं और ना ही मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से. वे तो अपने आप से नाराज हैं और विभाग का काम कर रहे हैं. क्योंकि जनता का काम तो करना ही पड़ेगा. इधर, कांग्रेस नेताओं की ओर से हो रही बयानबाजी पर पलटवार करते हुए कहा कि 5 साल तो उन्होंने मेरी चिंता की नहीं और अब सहानुभूति दिखा रहे हैं. वे सब जानते हैं कि यह सहानुभूति कैसी है और वे कौन सा विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं.

किरोड़ीलाल मीणा के मुद्दे के बहाने कांग्रेस भी घेर रही!

इस मुद्दे पर राजस्थान में सियासत भी तेज हो चुकी है. जिसे लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बयान भी दिया था. उन्होंने सीएम भजनलाल शर्मा पर तंज कसते हुए कहा था कि किरोड़ीलाल को मंत्री रखना है या नहीं, अगर आपके समझ में नहीं आ रहा हैं तो लॉटरी निकाल दो. एक घड़े में 2 पर्ची डालकर लॉटरी निकालकर इसका फैसला करना चाहिए. जिसमें एक पर्ची में लिखा हो "इस्तीफा स्वीकार" और दूसरी पर्ची "इस्तीफा अस्वीकार" की पर्ची हो, फिर जो पर्ची निकले वह फैसला ले लिया जाना चाहिए.  

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