कभी बीजेपी के खास रहे राहुल कस्वां ने मोदी सरकार की नीतियों पर खड़े किए सवाल, कांग्रेस खेमे में जाकर खूब बरस रहे सांसद!
राजस्थान की चूरू लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद राहुल कस्वां ने केंद्र सरकार की नीतियों पर जमकर सवाल उठाए. कभी बीजेपी की पैरवी करते नजर वाले कस्वां अब बीजेपी की ही जमकर क्लास भी लगा रहे हैं.
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राजस्थान की चूरू लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद राहुल कस्वां ने केंद्र सरकार की नीतियों पर जमकर सवाल उठाए. कभी बीजेपी की पैरवी करते नजर वाले कस्वां अब बीजेपी की ही जमकर क्लास भी लगा रहे हैं. हाल ही पेश केंद्र के बजट पर सवाल खड़े करते हुए राजस्थान सरकार के बजट को निराशाजनक बताया था. बता दें कि चूरू लोकसभा सीट का मुकाबला काफी रोचक रहा क्योंकि बीजेपी से सांसद रहे राहुल कस्वां का टिकट पार्टी ने काट दिया और उन्हें कांग्रेस (Congress) ने प्रत्याशी बनाया. इस सीट पर कस्वां ने एक बार फिर जीत हासिल की और बीजेपी प्रत्याशी देवेंद्र झाझरिया को शिकस्त दी थी.
वहीं, अब उन्होंने 'सांसद आदर्श ग्राम योजना' पर सरकार को घेरा है. लोकसभा में शून्यकाल के तहत उन्होंने इस योजना में अलग से बजट का प्रावधान करने सम्बन्धित मुद्दा उठाया. उन्होंने सदन में कहा कि केंद्र सरकार 16वीं लोकसभा के दौरान सांसद आदर्श ग्राम योजना लेकर आई, जिससे जनता को यह लगा कि आदर्श ग्राम योजना के तहत गांवों तक विकास पहुंचेगा, लेकिन जो ग्राम विकास योजना (विलेज डवलपमेंट प्लान) बनाई गई उसके तहत व्यय होने वाले बजट का कोई प्रावधान नहीं रखा गया. जिसकी वजह से आज यह योजना धरातल पर पूर्ण रूप से लागू नहीं हो पाई है. ग्राम विकास योजना (वीडीपी) के तहत्त करोड़ों रू. व्यय होने का प्लान बनाया गया, लेकिन इस प्लान के मुताबिक होने कार्यों के लिए धनराशि का कोई प्रावधान तय नहीं किया गया है.
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उन्होंने कहा कि गांवों में कितनी राशि व कहां से उपलब्ध करवाई जाएगी, यह प्रावधान नहीं होने से योजना धरातल पर सही रूप में नहीं आ पाई है. सांसद आदर्श ग्राम योजना आंकड़ों के आधार पर रिकार्ड में तो पेश हो गई, लेकिन वास्तविक रूप से तय प्रारूप के अनुसार कितने गांव सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत कार्य नहीं हुए है. इसलिए उन कार्यों के लिए धनराशि जारी करने के लिए स्रोत जारी किया जाना अति आवश्यक है.
चूरू सांसद कस्वां ने अनुरोध किया कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चिन्हित किए गए गांवों के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त धनराशि स्वीकृत की जाए और भविष्य में इस योजना के लिए फंड का प्रावधान अलग से रखा जाए. ताकि गांवों तक विकास सही रूप में पहुंच सके.
पेपर लीक के मुद्दे पर भी जमकर बरस चुके
इससे पहले भी वह पेपर लीक के मुद्दे पर सरकार पर बरस चुके हैं. उन्होंने एनटीए की ओर से आयोजित नीट और नेट परीक्षा का पेपर लीक होने को गंभीर मामला बताया था. साथ ही कहा था कि नीट जैसी परीक्षा में सम्मिलित लगभग 24 लाख 6 हजार 79 छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में लाकर खड़ा कर दिया गया. उनका कहना था कि आज सरकार हर क्षेत्र में पारदर्शिता की बात कर रही है, जबकि देश में शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण स्तम्भ ही कमजोर होते जा रहे हैं तो विकसित भारत के स्वप्न को कैसे साकार कर पायेंगे?
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