Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा को लेकर क्यों कही जाती हैं भूत-प्रेत की बातें? ज्योतिषविद् ने एक बार फिर किया दावा!
राजस्थान विाधानसभा में बीजेपी के सदस्य अमृतलाल मीणा की हार्ट अटैक से मौत होने के बाद अब विधायकों की संख्या 194 रह गई है. यह अजीब संयोग है कि राजस्थान विधानसभा में 200 विधायक कभी एक साथ नहीं बैठ पाए.
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राजस्थान विाधानसभा में बीजेपी के सदस्य अमृतलाल मीणा की हार्ट अटैक से मौत होने के बाद अब विधायकों की संख्या 194 रह गई है. इससे पहले विधायकों के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद 5 सीटें खाली हो चुकी हैं. यह अजीब संयोग है कि राजस्थान विधानसभा में 200 विधायक कभी एक साथ नहीं बैठ पाए. बीतें 4 साल में 6 विधायकों की आकस्मिक मृत्यु हो चुकी है. जिसमें तत्कालीन मंत्री मास्टर भंवरलाल, विधायक किरण माहेश्वरी, भंवरलाल शर्मा, कैलाश त्रिवेदी, गजेंद्र सिंह शक्तावत और गौतमलाल मीणा का नाम शामिल है. जिसके बाद विधानसभा के भवन को लेकर रहस्यमय पहेली की बात भी कही जाती है.
किसी ना किसी कारणवश विधायकों की मौत से यह रहस्य और भी गहराता जा रहा है. कई बार तत्कालीन विधायक और मंत्री भी विधानसभा में भूत-प्रेत का साया बता चुके हैं तो वहीं समय-समय पर हवन और पूजा-पाठ करवाने की मांग भी उठती रही है.
अब सलूंबर से बीजेपी विधायक की मौत के बाद इस संयोग की चर्चा फिर होने लगी है. ज्योतिषविद् इसे विधानसभा में किसी काली छाया का प्रकोप बताते हैं. हालांकि राजस्थान तक ऐसे किसी भी बात की पुष्टि नहीं करता है.
क्या कहते हैं ज्योतिषविद्
ज्योतिष आचार्य पंडित करण शर्मा ने दावा किया है कि राजस्थान विधानसभा का वास्तु बिगड़ा हुआ है और पास ही लाल कोठी श्मशान घाट की भूमि को अधिग्रहण करके विधानसभा बनाई गई है. उनके मुताबिक करीब 20 बीघा जमीन विधानसभा परिसर में है और तब यहां किसी इंसान की अकाल मौत हुई. जिसकी मौत हुई, उसकी आत्मा आज भी विधानसभा में भटक रही है. जिसके चलते अप्रिय घटनाएं लगातार घट रही है. यही कारण है कि बीते दो दशकों से 200 विधायक एक छत के नीचे नहीं बैठ सके है. अब एक ओर विधायक की मृत्यु हो जाना यह दर्शाता है कि विधानसभा में भूत-प्रेत का साया है इसलिए सरकार विधिवत पूजा-पाठ करवा इस विधानसभा को दोष मुक्त करवाने का काम करें.
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साल 2001 में परिसर का उद्घाटन करने वाले माननीय की बिगड़ी थी तबीयत
बता दें कि साल 1994 में राजस्थान विधानसभा की नींव रखी गई और जब 2001-2002 में इसका शुभारंभ होना था, तब भी उद्घाटन करने वाले माननीय की तबीयत बिगड़ गई. तब से देखने को मिल रहा है की किसी ना किसी विधायक की अचानक मृत्यु हो जाती है. हालांकि कई लोग इसे अंधविश्वास भी मान रहे हैं.
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