CM गहलोत के करीबी मंत्री रामलाल जाट पर ग्रेनाइट की खदान हड़पने का आरोप, केस दर्ज

Pramod Tiwari

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CM गहलोत के करीबी मंत्री रामलाल जाट पर ग्रेनाइट की खदान हड़पने का आरोप, केस दर्ज
CM गहलोत के करीबी मंत्री रामलाल जाट पर ग्रेनाइट की खदान हड़पने का आरोप, केस दर्ज
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Case registered against Minister Ramlal Jat: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (cm ashok gehlot) के करीबी मंत्री रामलाल जाट (ramlal jat) और उनके करीबियों पर डरा धमकाककर बिना कीमत दिए ग्रेनाइट की खदान हड़पने का आरोप है. यही नहीं, उन पर खदान से मशीन चुराने के भी आरोप लगे हैं. ये सभी आरोप राजसमंद के माइनिंग व्यवसायी परमेश्वर जोशी ने लगाए हैं. पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर मंत्री रामलाल जाट और उनके करीबियों पर केस भी दर्ज कर लिया है.

राजसमंद के माइनिंग व्यवसायी परमेश्वर जोशी का कहना है कि उन्होंने वर्ष 2014 में ग्रेनाइट की खान लीज पर ली थी. वहां पर मंत्री जाट के करीबियों ने अवैध रूप से खनन करना शुरू कर दिया और फिर साझेदारी का दबाव बनाया. जब उन्होंने अवैध माइनिंग करने वालों से बात की तो राजस्व मंत्री रामलाल जाट का नाम लेकर उन्हें धमकाया गया.

FIR दर्ज नहीं होने पर शिकायतकर्ता ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

व्यवसायी परमेश्वर जोशी ने साल 2022 में मामले की शिकायत पुलिस महानिदेशक, अजमेर रेंज के आईजी व भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक से की थी. लेकिन मामला दर्ज नहीं होने पर उन्होंने भीलवाड़ा जिले की अधीनस्थ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जब वहां से भी एफआईआर का आदेश नहीं मिला तो जोशी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई जहां से मंत्री पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी हुआ. हाईकोर्ट ने 1 अगस्त 2023 को अधीनस्थ अदालत को निर्देश दिया कि संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज किया जाए.

मंत्री समेत इन लोगों पर दर्ज हुआ मुकदमा

भीलवाड़ा जिले की करेड़ा पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर मंत्री रामलाल जाट के साथ करेड़ा थाना क्षेत्र के ज्ञानगढ़ निवासी पूरणमल गुर्जर, शंभूगढ़ थाना अंतर्गत अंटाली गांव निवासी महिपाल सिंह व सूरज जाट व महावीर प्रसाद चौधरी के खिलाफ केस दर्ज किया है. यह मुकदमा धारा 406, 420, 384, 379, 120 बी के तहत दर्ज हुआ है.

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अब CID CB करेगी मामले की जांच

मंत्री जाट व उनके करीबियों पर अवैध खनन के आरोप में न्यायालय के आदेश के चलते मामला दर्ज हुआ. रामलाल जाट प्रदेश में राजस्व मंत्री है इसलिए इस मामले की जांच सीआईडी सीबी द्वारा की जाएगी. पुलिस ने जांच के लिए मामले को सीआईडी सीबी मुख्यालय जयपुर में भेज दिया है.

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