Rajasthan Election: राजस्थान चुनाव में बने हैं कई बड़े रिकॉर्ड, जानें किस प्रत्याशी ने सबसे अधिक वोटों से जीता था चुनाव
Rajasthan Election: राजस्थान के चुनाव में कई रिकॉर्ड बने हैं. विधानसभा के मौजूदा अध्यक्ष सीपी जोशी 2008 में नाथद्वारा सीट पर एक वोट से चुनाव हार गए थे. तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा महज 34 वोटों से चुनाव जीते थे.
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Rajasthan Election: राजस्थान के चुनावी घमासान में एक वोट भी नेताओं की जीत को हार में बदल सकता है. हारा हुआ नेता जीत सकता है. इसलिए नेता पूरी जान लगते हैं. एक-एक वोट के लिए नेता बड़ी जतन करते हैं. राजस्थान के चुनाव में हर बार कई नए रिकॉर्ड बनते हैं. तो अब तक हुए चुनाव में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी एक वोट से चुनाव हार गए थे. जबकि सबसे ज्यादा वोटों से चुनाव जीतने में कैलाश मेघवाल का नाम दर्ज है. ऐसे में साफ है की राजस्थान का चुनाव रोचक रहने वाला है. जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है. चुनाव की सर गर्मी भी बढ़ने लगी है.
राजस्थान के विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई है. कुछ सीटों पर त्रिकोणीय तो कुछ पर चतुर्थकोणीय मुकाबला बन रहा है. इन सब के बीच अगर पिछले चुनाव के आंकड़ों पर नजर डाले. तो राजस्थान के चुनाव में कई रिकॉर्ड बने हैं. विधानसभा के मौजूदा अध्यक्ष सीपी जोशी 2008 में नाथद्वारा सीट पर एक वोट से चुनाव हार गए थे. तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा महज 34 वोटों से चुनाव जीते थे. नसीराबाद विधानसभा सीट से कांग्रेस के महेंद्र सिंह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सांवरमल जाट को 71 वोटों से हराया था. जयपुर की चौमू विधानसभा सीट से भगवान लाल सैनी ने रामलाल शर्मा को 135 वोट से शिकायत दी थी. भीलवाड़ा की आसींद सीट से 2018 में जबर सिंह ने कांग्रेस के मनीष मेवाड़ा को 154 वोट से पराजित किया था.
कई दिग्गजों के नाम रिकॉर्ड
इसके अलावा प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ 2018 में चूरू सीट से मैच 1850 वोट से चुनाव जीते थे. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया 2013 में 60896 वोट से चुनाव जीती थी. तो दूसरे स्थान पर सचिन पायलट रहे 2018 में 54179 वोट से सचिन पायलट चुनाव जीते थे. जबकि 2018 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी महावीर प्रसाद को भीलवाड़ा की शाहपुरा सीट से कैलाश चंद मेघवाल ने 74542 वोटों से हराया था. इसी चुनाव में टोडाभीम सीट से पृथ्वीराज मीणा ने भाजपा प्रत्याशी रमेश चंद्र को 73126 वोट से पराजित किया था. घनश्याम तिवारी ने 2013 के विधानसभा चुनाव में संजय बाफना को 65350 वोट से हराया था. अलवर शहर विधानसभा सीट पर भाजपा के पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल ने कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र शर्मा को 62,229 वोट से शिकस्त दी थी. 2013 में प्रताप सिंह सिंघवी ने नेशनल पीपुल्स पार्टी के प्रत्याशी मान सिंह को 61635 वोट से हराया था.
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इन प्रत्याशियों ने 1000 से भी काम वोटों से चुनाव जीता
राजस्थान के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच हमेशा आमने-सामने का मुकाबला रहा है. 2008 के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस में कड़ी टक्कर देखने को मिली. कांग्रेस सत्ता में आई, लेकिन 16 प्रत्याशी ऐसे थे. जिन्होंने 1000 से भी काम वोटों से चुनाव जीता था. इसी तरह से 2013 में केवल पांच प्रत्याशी ऐसे थे. जिन्होंने 1000 से कम वोटों से जीत दर्ज कराई थी. 2018 में यह आंकड़ा भरकर 9 हो गया. इसी तरह से 1000 से 2000 वोटो के अंतर के प्रत्याशियों पर नजर डालें तो 2008 में ऐसे प्रत्याशियों की संख्या 15 थी. जबकि 2013 में केवल एक प्रत्याशी 1000 से 2000 के अंदर से जीता था. 2018 में उनकी संख्या बढ़कर 7 हो गई.
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