Rajasthan Election: भाजपा के लिए नाक की बात बनी उदयपुर सीट, राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के आने से हलचल तेज!

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Rajasthan Election: भाजपा के लिए नाक की बात बनी उदयपुर सीट, राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के आने से हलचल तेज!
Rajasthan Election: भाजपा के लिए नाक की बात बनी उदयपुर सीट, राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के आने से हलचल तेज!
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Rajasthan Election: उदयपुर में बीजेपी के लिए जीत भाजपा के लिये नाक की बात बन गई है. इसके लिये जी तोड़ मेहनत की जा रही है. खासकर असम से उदयपुर आये गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria) के लिए यहां प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है, इसलिए कटारिया गुप्त बैठकों के ज़रिए पदाधिकारियों के कानों में जीत का मंत्र फूंक रहे हैं.

कुछ दिन पहले पूर्व महापौर चन्द्रसिंह कोठारी के निवास पर कटारिया ने पूर्व पार्षदों की बैठक लेकर उनको किसी भी सूरत में जीत हासिल करने का लक्ष्य दिया. वहीं वर्तमान महापौर जीएस टांक के निवास पर दीपावली मिलन समारोह में गुलाबचंद कटारिया शामिल हुए. कहा जा रहा है कि इसके लिए कटारिया ने राज्यपाल के प्रोटोकॉल को भी दरकिनार कर दिया. वे बगैर सुरक्षा के ही जीएस टांक के निवास पर पहुंचे और यहां बैठक लेकर जीत का लक्ष्य देकर दिया गया. इसी दौरान मीडिया के कैमरे में कुछ वीडियो कैद हो गए. सवाल ये उठ रहा है कि क्या राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद रहते हुए इस तरह की बैठकें लेना उचित है.

गौरव वल्लभ चुनाव आयोग को कर चुके शिकायत

इधर इस मसले को कांग्रेस जमकर भुनाने का काम कर रही है. कांग्रेस प्रत्याशी गौरव वल्लभ ने उदयपुर विधानसभा क्षेत्र में ताराचंद जैन के समर्थन में गुलाबचंद कटारिया द्वारा आदर्श आचार संहिता का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए चुनाव पर्यवेक्षक से शिकायत भी कुछ दिन पूर्व की थी. इसको लेकर एक पत्र मुख्य चुनाव आयुक्त राजस्थान सरकार, मुख्य चुनाव आयुक्त भारत सरकार एवं राष्ट्रपति को भी भेजा.

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राज्यपाल कटारिया के आने के बाद हलचल तेज

गौरव वल्लभ ने पत्र में बताया कि असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया वर्तमान में उदयपुर में विभिन्न जगहों पर मीटिंगों का आयोजन भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी ताराचंद जैन के समर्थन में कर रहे हैं . जो की यह स्पष्ट दर्शाता है कि किस तरीके से एक संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति अपने पद का अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर रहा है. गुलाबचंद कटारिया के मूवमेंट पर भी रोक लगाने की मांग की जिससे प्रदेश में और संभाग में एक आदर्श आचार संहिता की पालना हो सके.

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