सरकार से बर्खास्त होने के बाद अब किस पार्टी का दामन थामेंगे राजेंद्र गुढ़ा? 9 सितंबर को होगा बड़ा ऐलान!

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लाल डायरी के पन्ने जारी करने के बाद राजेंद्र गुढ़ा के घर पहुंची पुलिस, पॉक्सो एक्ट का बताया मामला
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Will Rajendra gudha join shivsena: लाल डायरी (lal diary) के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gehlot) को घेरने वाले पूर्व सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा (rajendra gudha) अब जल्द ही अगला राजनीतिक कदम उठाएंगे. इसका ऐलान वो इसी हफ्ते करने जा रहे हैं. दरअसल, सरकार से बर्खास्तगी के बाद से ही गुढ़ा ने गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. जिसके बाद विधानसभा चुनाव में उनके टिकट को लेकर भी संकट नजर आ रहा है. ऐसे में गुढ़ा ने कांग्रेस से पूरी तरह किनारा करने का फैसला ले लिया है.

बता दें कि 9 सितंबर को बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के बेटे शिवम गुढ़ा का जन्मदिन बर्थडे है. इसी दिन उनके गांव में सभा होगी, जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ ​शिंदे भी शिरकत करेंगे. इसी के चलते अटकलें तेज हो गई है कि गुढ़ा का अगला ठिकाना शिवसेना होगा.

वहीं, गुढ़ा का कहना है कि नौ सितंबर के बाद एक के बाद एक लाल डायरी के कई राज का खुलासा होगा. हालांकि उन्होंने अभी स्पष्ट रूप से इसका खुलासा नहीं किया है. वहीं, दो दिन पहले ही उन्होंने नीमकाथाना में कहा था कि वह कांग्रेस में है. हालांकि गुढ़ा की ओर से अभी तक इस तरीके का कोई बयान नहीं आया कि वे शिवसेना में जा रहे हैं.

लाल डायरी को लेकर बना हुआ है सस्पेंस

गौरतलब है कि गुढ़ा ने लाल डायरी के तीन पन्ने जारी किए थे. जिनमें सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत, मुख्यमंत्री के ओएसडी सौभाग सिंह, आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ और कई अधिकारियों के बीच लेन-देन की बात कही जा रही थी. गुढ़ा ने दावा किया था कि डायरी में हैंडराइटिंग आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ की है. साथ ही कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाए थे कि मैं लाल डायरी को विधानसभा में टेबल पर रखना चाहता था, लेकिन डायरी छीन ली गई. वहीं, इस पूरे मामले में राठौड़ ने भी सफाई दी है. 5 सितंबर को पुष्कर दौरे पर पहुंचे राठौड़ ने पूर्व मंत्री के आरोपों को निराधार बताते हुए लाल डायरी को षड़यंत्र बताया था.

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इनपुटः नैना शेखावत

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