Udaipur: भजनलाल सरकार के बुलडोजर एक्शन पर उठे सवाल, MP राजकुमार बोल- 'जाति-धर्म देखकर ..'

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Udaipur Communal Violence: उदयपुर में हुई हिंसा के मामले में प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं. अब सामने आ रहा है कि प्रशासन ने जिस घर पर कार्रवाई की वह आरोपी का नहीं था बल्कि वह किराए का मकान था. शुक्रवार को उदयपुर में 10वीं के दो छात्रों के बीच चाकूबाजी की घटना के बाद शहर में तनाव फैल गया. गुस्साई भीड़ ने सड़कों पर उतरकर आगजनी और तोड़फोड़ की. इस घटना के बाद उदयपुर विकास प्राधिकरण ने आरोपी छात्र के मकान को अवैध बताते हुए नोटिस जारी किया.

शनिवार को पुलिस की निगरानी में प्रशासन ने उस मकान पर बुलडोजर चलाया, यह कदम उदयपुर विकास प्राधिकरण की जांच के बाद उठाया गया, जिसमें पाया गया कि आरोपी का मकान वन भूमि पर अवैध रूप से बना हुआ था, इस सिलसिले में वन विभाग ने 24 घंटे पहले ही नोटिस जारी कर परिवार को 20 तारीख तक मकान खाली करने का निर्देश दिया था.

शनिवार को चला बुलडोजर

शनिवार दोपहर, उदयपुर नगर निगम के अधिकारी जेसीबी लेकर मौके पर पहुंचे. सबसे पहले उन्होंने मकान का बिजली कनेक्शन काटा और फिर मकान को खाली करवाया. अधिकारियों ने जैसे ही यह सुनिश्चित किया कि मकान खाली है, तो दो जेसीबी मशीनों ने मकान को गिराने की प्रक्रिया शुरू की. लेकिन अब इस कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. 

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सांसद राजकुमार रोत ने उठाए सवाल

इस बीच, बांसवाड़ा के सांसद राजकुमार रोत ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए. उन्होंने सोशल मीडिया 'X' पर लिखा कि,  "उदयपुर शहर में स्कूली बच्चों में चाकूबाजी की घटना निंदनीय है, दोषी को कानूनी जो भी सजा है वो मिलनी चाहिये, लेकिन आज भाजपा सरकार ने नाबालिग मुल्जिम के घर पर बुल्डोजर चलाकर धर्मवाद का जहर घोलने का काम किया है. राजस्थान में तलवार से गला कटेगा तो कुछ नहीं चलेगा, चाकू चली तो बुल्डोजर चलेगा ? गुनाह गुनाह होता है, और हर गुनाह की सजा एक होनी चाहिये. जाति-धर्म को देखकर बुल्डोजर चलाना देश के भविष्य को नफरत में धकेलने का काम हो रहा है."

 

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