शेखावत का सीएम पर तीखा प्रहार, केंद्रीय मंत्री बोले- गहलोत कब तक खैर बनाएंगे?
Gajendra singh shekhawat replied to ashok gehlot: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gehlot) के खिलाफ मानहानि केस (defamation) को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (gajendra singh shekhawat) ने करारा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि गहलोत केस में अभियुक्त सिद्ध हो चुके हैं और उन्हें वहां न्यायालय में जाकर के उनको अपना बैल बॉन्ड […]
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Gajendra singh shekhawat replied to ashok gehlot: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gehlot) के खिलाफ मानहानि केस (defamation) को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (gajendra singh shekhawat) ने करारा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि गहलोत केस में अभियुक्त सिद्ध हो चुके हैं और उन्हें वहां न्यायालय में जाकर के उनको अपना बैल बॉन्ड भरने के लिए न्यायालय ने पहले ही आदेश दे दिया है. उन्होंने कहा कि गहलोत को वीसी के जरिए जाने की अनुमति न्यायलय ने दी है और वह अभी तक उनके पास में है. लेकिन वो कब तक खैर बनाएंगे? अब तो खुद जाकर वहां पेश होना होगा. गहलोत की ओर से शेखावत के जमानत लेने पर केंद्रीय मंत्री ने पलटवार किया कि मैं फिर कहूंगा मैंने जमानत नहीं कराई और ना ही मैंने जमानत की एप्लीकेशन लगाई.
केंद्रीय मंत्री ने जैसलमेर प्रवास के दौरान 22 जुलाई को राजस्थान तक से एक्सक्लुसिव बातचीत की. उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े 4 साल से गहलोत सरकार और उनकी तमाम जांच एजेंसी तमाम प्रयास करने के बावजूद आज तक किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाई. मैंने दावे के साथ कहा था कि मैं कोई पाप नहीं किया है. किसी भी तरह से मेरा या मेरे परिवार संजीवनी क्रेडिट के साथ में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कोई जुड़ाव नहीं है.
गौरतलब है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री गहलोत ने बयान दिया था कि शेखावत को एसओजी अभियुक्त मान चुकी है, लेकिन भारतीय दंड प्रक्रिया सीआरपीसी के तहत जो केस डायरी मेंटेन होती है उस केस डायरी में किस तारीख को आपने मुझे अभियुक्त माना है, इसका भी खुलासा करना चाहिए.
राज्य के पास जांच का अधिकार ही नहीं
शेखावत ने कहा कि सिर्फ संजीवनी कोऑपरेटिव सोसाइटी में नहीं, आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी, वजीवन सोसाइटी जैसी कई मल्टी स्टेट सोसायटी है. उनकी जांच करने का अधिकार स्टेट पुलिस के पास नहीं है. वह जांच करने का केवल अधिकार केवल सीबीआई को है, तुरंत उसे जांच को सीबीआई को दिया जाना चाहिए.
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उन्होंने गहलोत सरकार पर आरोप लगाया कि वह निवेशकों का पैसा ना मिले, इस षड्यंत्र में शामिल है. इसमें अपने राजनैतिक हित के लिए दूसरे लोगों को बचाना चाहती है. इसको लेकर मैं न्यायालय में एप्लीकेशन लेकर गया था और न्यायालय ने मेरी बात सुनी. कोर्ट ने आदेश दिया है कि जब तक उसका निस्तारण ना हो या अगला आदेश ना हो, तब तक किसी भी तरह का एक्शन नहीं लिया जाए.
पेपर लीक घोटाले पर बोलते हुए कहा कि एक ऐसा घोटाला जिसने लाखों युवाओं का भविष्य तार-तार कर दिया. लाखों ऐसे गरीब माता-पिता जिन्होंने अपने बच्चों को पेट काट करके पेट पर गांठ बांधकर पढ़ने के लिए भेजा होगा, कोचिंग क्लास में तैयारी कर आई होगी. ऐसे बच्चे जिन्होंने रात-रात जागकर पढ़ाई करके कोचिंग कच्चा-पक्का भोजन खाकर परीक्षा दी होगी. उन लोगों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुई है. ऐसे अपराधियों को सरकार के संरक्षण में यदि बचाया जा रहा है. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए चाहे वो ईडी करें या राजस्थान पुलिस.
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