राजेंद्र गुढ़ा थामेंगे नई पार्टी का हाथ? बेटे शिवम के जन्मदिन पर खास मेहमान के आने से बढ़ी सियासी हलचल
Rajasthan Politics: लाल डायरी को लेकर चर्चा में रहे राजस्थान सरकार के बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) एक बार फिर से चर्चाओं में आ गए हैं. 9 सितम्बर को महाराष्ट्र मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) व उनके कैबिनेट के कई मंत्री उदयपुरवाटी (Udaipurwati) दौरे पर आ रहे हैं. विधानसभा मे लाल डायरी का मुद्दा […]

Rajasthan Politics: लाल डायरी को लेकर चर्चा में रहे राजस्थान सरकार के बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) एक बार फिर से चर्चाओं में आ गए हैं. 9 सितम्बर को महाराष्ट्र मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) व उनके कैबिनेट के कई मंत्री उदयपुरवाटी (Udaipurwati) दौरे पर आ रहे हैं. विधानसभा मे लाल डायरी का मुद्दा के कारण गुढ़ा को बर्खास्त किया गया था. लेकिन चर्चाएं है कि 9 सितम्बर को शिवम गुढ़ा के जन्मदिन के मौके पर वह अपनी नई पारी की शुरूआत शिव सेना के साथ कर सकते हैं.
राजेंद्र गुढ़ा के बेटे शिवम के पिछले वर्ष जन्म दिवस के मौके पर सीएम अशोक गहलोत उदपुरवाटी आये थे, उस दौरान सीएम ने कहा था कि गुढ़ा साथ नहीं होते तो आज मेरी जगह कोई और ही होता मुख्यमंत्री होता. लेकिन अब विधानसभा चुनाव आने वाले हैं तो सियासत गर्मा चुकी है. सब कुछ बदल चुका है.
कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए दे रहे न्यौता
शिवसेना के राजस्थान प्रभारी चंद्रराज सिंघवी का ट्वीट भी राजेंद्र गुढ़ा के शिवसेना में आने की ओर इशारा कर रहा है. चर्चा ये भी है गुढ़ा शिंदे के साथ आकर भाजपा से समझौता कर मैदान में आने की तैयारी में हैं, इधर राजेन्द्र गुढ़ा शेखावाटी में स्थानीय लोगों को बेटे के जन्मदिवस के कार्यक्रम का लिबिर्टी फार्म हाउस गुढ़ा उदयपुरवाटी आने का न्यौता देने के लिए गांव-गांव घूमकर न्यौता देने में जुटे हैं.
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जनता मेरी आलाकमान
गुरूवार देर शाम जयपुर-बीकानेर हाइवे के होटल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए गुढ़ा ने कहा कि मेरी जनता ही मेरी आलाकमान है. जनता से पूछकर मैं फैसला करता हूं. गुढ़ा ने कहा सीएम गहलोत एहसान भूल गए, लेकिन ऐसा नेतागिरी में नहीं होता है.
कौन आ रहे हैं
गुढ़ा ने बातचीत में बताया कि मेरे बेटे के जन्मदिन पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके कुछ कैबिनेट मंत्री भी आ रहे हैं, मैं उनके स्वागत के लिए जुटा हुआ हूं. सचिन पायलट के आने पर बोले, वह मेरे दोस्त हैं.
Jhunjhunu में गुढ़ा बोले- तारीख़ को शिंदे को आने दो, फिर देखो क्या होता है