बेटी को सुला कर आ जाओ..फिर हनीमून मनाएंगे..कोटा में महिला लेक्चरर ने प्रोफेसर पर लगाया आरोप, मामला दर्ज

Sanjay Verma

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Kota: राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार के कारनामे खत्म ही नहीं हो रहे हैं. अब उसके खिलाफ एक लेडी लेक्चरर ने एफआईआर दर्ज करवाई है. यह लेक्चरर भी टेक्निकल यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रिक डिपार्टमेंट में हैं. यह मुकदमा कोटा के दादाबाड़ी थाने में दर्ज किया गया है. इस मुकदमे में प्रोफेसर परमार पर रास्ता रोकने, छेड़छाड़, जबरन हाथ पकड़ने, गंदी-गंदी बातें करना, गाली-गलौच और प्रताड़ित करने के आरोप लगे हैं.

पुलिस ने लेक्चरर की शिकायत पर धारा 120 बी, 323 ,354, 354 क, 384 385, 452, 504 और 509 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. इस मुकदमे में आरोपी प्रोफेसर परमार के अलावा पूर्व डीन फैकल्टी अफेयर्स प्रोफेसर राजीव गुप्ता, प्रोफेसर राजेश सिंघल और एक अन्य महिला कर्मी पर भी प्रोफेसर परमार का साथ देने का आरोप लगाया है.

दर्ज मुकदमा अनुसार प्रोफेसर गिरीश परमार महिला लेक्चरर को घर के बाहर 1 अक्टूबर 2012 को मिला था तब परमार ने गंदी और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और कहा कि मुझे तो लड़की चाहिए, बिकनी की दुकान तो मैं खोल कर पटक दूंगा. महिला लेक्चरर के मुताबिक वह घबराकर वहां से जाने लगी तब नशे में धुत परमार ने उसका हाथ पकड़ लिया, हाथ छुड़वा कर घर गई, तब परमार क्वार्टर के बाहर खड़ा हो गया महिला लेक्चर ने अपनी बेटी के रोने की बात कही तब प्रोफ़ेसर ने कहा कि बेटी को सुला कर आ जाओ, हम एंजॉय करेंगे हनीमून मनाएंगे. और यह भी कहा कि तुम क्वार्टर छोड़ दो हम एक अपार्टमेंट में रहेंगे, उसका किराया भी मैं दे दूंगा.

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महिला लेक्चरर ने बताया कि उसने पूरा घटनाक्रम अपने पति को 1 अक्टूबर 2012 को बताया. दूसरे दिन पति उनका भाई व एक मित्र के साथ प्रोसेसर परमार से मिलने गए. उस समय परमार उन्हें नशे में धुत मिला और उनके साथ गाली गलौज की और यह बोला कि वह ₹500 में महिला लेक्चरर को उठा लेगा उसके बाद लेक्चरर के पति से मारपीट भी की. महिला लेक्चरर ने एफआईआर में बताया कि 1 अक्टूबर 2012 को प्रोफेसर राजीव गुप्ता, गिरीश परमार और महिला कार्मिक की वजह से वह 10 साल डिप्रेशन में रही और इस वजह से उसकी एमटेक पूरा होने में भी 14 साल लग गए. उसने राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट से इस संबंध में शिकायत भी की लेकिन सभी ने परमार का साथ दिया.

वह अक्टूबर 2012 में छेड़छाड़ के मामले को लेकर दादाबाड़ी थाने गई, तब वहां पर पहले से ही प्रोफेसर राजीव गुप्ता व राजेश सिंघल मौजूद थे. इन दोनों ने मेरे परिवार वालों को सरकारी नौकरी का डर दिखाते हुए केस दर्ज नहीं करने दिया. इसके बाद भी प्रोफेसर गुप्ता ने कई बार मुझे धमकियां दी. महिला लेक्चरर ने यह भी कहा कि 2013 में मेरा क्वार्टर बदला गया. यह प्रोफेसर राजीव गुप्ता के नजदीक था. आरटीयू के यूडी एग्जाम में भी एब्सेंट बता दिया. उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए उसे काफी मशक्कत करनी पड़ी. 25 लोगों का प्रमोशन हुआ, जिसमें उसका नाम भी शामिल था लेकिन 2015 में फिर प्रमोशन रुकवा दिया. 2022 में भी जब उसके पिता अस्पताल में भर्ती थे तभी प्रोफेसर राजीव गुप्ता ने उससे बदतमीजी की थी.

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लेक्चरर ने आरोप लगाया कि परमार कभी टंकी खुली छोड़ देता तो कभी नल का पानी खुला छोड़ देता. 1 दिन प्रोफेसर परमार उनके घर में घुस आया उसके साथ एक कर्मचारी भी था. लेकिन उस समय घर पर उसकी मां मौजूद थी तो उसने छत टपकने का बहाना बना दिया. वह कभी दरवाजा खटखटा था तो कभी तेज आवाज में म्यूजिक चलाता था. प्रोफ़ेसर के खिलाफ और मामले दर्ज होने के बाद उसे हिम्मत आई है और उसने भी थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. इस पूरे मामले की जांच एसआईटी कर रही है और एसआईटी के डीएसपी अमर सिंह द्वारा की जा रही है.

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जांच अधिकारी डीएसपी अमर सिंह ने बताया कि आरटीयू की एक महिला सहायक प्रोफेसर द्वारा गिरीश परमार व अन्य के विरुद्ध एक मुकदमा दर्ज करवाया गया है. इसमें कई तरह के कमेंट करना, टॉर्चर करना, अश्लील हरकते करना, एक प्रकरण में पहले ही प्रोफेसर छात्र अंकित अग्रवाल व एक छात्रा को गिरफ्तार किया जा चुका है. प्रकरण दर्ज हुआ है आगे अनुसंधान किया जाएगा. दादाबाड़ी थाने में कुल 3 एफआईआर दर्ज हुई है. अभी आरटीयू से रिकॉर्ड लिया जा रहा है. उसके बाद एफएसएल टीम से जांच करवाई जाएगी.

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