राहुल गांधी ने RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से पूछा बेरोजगारी का समाधान, जानें जवाब

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Bharat Jodo Yatra: भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा लेने पहुंचे आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और राहुल गांधी ने कई मुद्दों पर चर्चा की. खास बात यह रही कि राहुल गांधी ने आरबीआई के पूर्व गवर्नर का इंटरव्यू लिया. इस दौरान देश की बैंकिंग व्यवस्था और कई आर्थिक मुद्दों पर बात की.

राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान में 4-5 लोग अमीर होते जा रहे है. जबकि दूसरी ओर, गरीब-किसान को नजरंदाज किया जा रहा है. जिस पर रघुराम राजन का कहना है कि किसी भी कंपनी की मोनोपॉली नहीं होनी चाहिए. 

राहुल गांधीः मैं किसी कंपनी को नहीं जानता जो छोटे कारोबार से शुरू हुई थी और आज बढ़कर काफी बड़े बिजनेस में बदल गई हो?
रघुराम राजनः हां, परेशानियां तो हैं. क्योंकि एक मध्यम या छोटे उद्योग के लिए दिक्कतें काफी होती हैं. किसी छोटी कंपनी को उसकी तरक्की के लिए मौका दिया जाना चाहिए और साथ ही उसे सहयोग की जरूरत होती है. लेकिन इस अभाव के चलते कुछ कंपनी 10-20 कमर्चारियों पर अटक जाती हैं.

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राहुल गांधी: देश में 4-5 पूंजीपति तरक्की कर रहे हैं. दो हिंदुस्तान है जहां एक व्यक्ति तो 2 लाख करोड़ का लोन ले सकता है. लेकिन छोटे व्यापारी को इग्नोर कर दिया जाता है?
रघुराम राजनः छोटे और बड़े बिजनेस, दोनों ही देश और अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी हैं. लेकिन किसी भी बिजनेस समूह की मोनोपोली ( एकाधिकार) अच्छी नहीं है. नौकरियां खत्म हो गई हैं और बेरोजगारी बढ़ गई है. लेकिन हम पूंजीवाद के खिलाफ नहीं हो सकते हैं.

राहुल गांधी: महाराष्ट्र से जब मैं गुजरा तो वहां लोग कह रहे थे कि बांग्लादेश ने एक्सपोर्ट पॉलिसी से बहुत कुछ किया है?
रघुराम राजन: एक तो उनका सबसे अहम इंडस्ट्री टैक्सटाइल हैं, कपड़े बनाते हैं और बेचते हैं. बांग्लादेश की यह बड़ी इंडस्ट्री है. वहां बड़े स्तर पर इंडस्ट्री में महिलाओं को मौका दिया हैं.

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राहुल गांधीः एक ओर हरित क्रांति हो सकती है?
रघुराम राजनः अब सर्विस रिवोल्यूशन होगा. इसके लिए स्थानीय मजदूरों की मदद ली जा सकती हैं. जिससे मजदूरों को भी प्रगति का मौका मिलेगा. साथ ही हमें अब ऊर्जा की खपत को कम करने पर ध्यान देना होगा.

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राहुल गांधीः अवसर काफी है, लेकिन फाइनेंस के सपोर्ट की जरूरत है?
रघुराम राजनः आर्थिक सहायता की भी जरूरत है. साथ ही तकनीक की भी जरूरत है. उनकी नीतियां फिक्स हैं. नीतियों को लेकर निश्चिता होनी चाहिए. एक ही फैसले को लेकर अनिश्चिता नहीं होनी चाहिए.

राहुल गांधी: बेल्लारी में जींस प्रोडक्शन का बड़ा सेंटर है, बड़ा काम था. वहां 4.5 लाख से ज्यादा लोग इस काम में लगे हुए थे.
रघुराम राजन: इस सेक्टर को सस्ते कर्ज देने चाहिए. सरकारी नीतियों में समानता नहीं है. आज नीतियों में समानता की जरूरत हैं.

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राहुल गांधी: अमेरिका और बाकी दुनिया में क्या हो रहा है?
रघुराम राजन: अमेरिका में महंगाई बढ़ रही है. सेंट्रल बैंक ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं. इससे भारत से निर्यात कम हो जाएगा. हमारे उत्पादन की गति कम हो जाएगी.

राहुल गांधी: बच्चों की कल्पना की बात करें तो डॉक्टर, आईएएस या इंजीनियर तक ही सोच रहे है. जबकि बेरोजगारी भारी समस्या है, इसका क्या समाधान है?
रघुराम राजन: कुछ ही लोग सरकारी क्षेत्र में काम कर सकते हैं. हमें प्राइवेट सेक्टर को बढ़ाना हैं. कृषि और प्राइवेट नौकरी से ही रोजगार बढ़ा सकते हैं. हमें सर्विस सेक्टर को देखना चाहिए, वहां रोजगार पैदा होंगे. आजकल कंसल्टिंग फर्म इंडिया में कंसल्टेंट काम कर रहे है. ये ठीक वैसे हो रहा है जैसे पहले अमेरिका में होता था. इसके लिए अंग्रेजी और उच्च शिक्षा की जरूरत हैं. दूसरी ओर, महामारी में दो साल से बच्चें स्कूल नहीं गए. वह कैसे उच्च शिक्षा की तरफ जाएंगे?

राहुल गांधीः आप भारत जोड़ो यात्रा को एंजॉय कर रहे हैं?
रघुराम राजनः देश में आंतरिक सुरक्षा मजबूत करनी होगी तभी बाहरी ताकतों के खिलाफ एकजुटता से लड़ सकते हैं.

राहुल गांधीः यूक्रेन, अमेरिका और दुनिया में नफरत फैल रही है. भारत कैसे भूमिका अदा कर सकता है?
रघुराम राजनः पूरी दुनिया हमारी तरफ देख रही है कि हम क्या कर रहे हैं? इसलिए हमें देखना चाहिए कि हम क्या कर रहे हैं?

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