Rajasthan Election 2023: विधानसभा चुनाव से ठीक 9 महीने पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए जिलों के गठन की घोषणा कर बड़ा दांव चला है. उन्होंने एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश की है. पहला- उनके खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी और दूसरा- वह यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि राजस्थान में उनके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.
नए जिलों की घोषणा के फैसले से प्रदेश की 113 विधानसभाओं के मतदाताओं को सीधे तौर पर रिझाने में मदद मिलेगी. साथ ही, यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गढ़ में वोट बटोरने में मदद मिल सकती है.
इन जिलों की 113 सीटों पर हो सकता है फायदा
113 सीटों में जयपुर की 19, जोधपुर की 10, अलवर की 11, अजमेर की 8, श्रीगंगानगर की 6, बाड़मेर की 7, भरतपुर की 7, नागौर की 10, सवाई माधोपुर की 4, जालोर की 5, उदयपुर की 7, बांसवाड़ा की 5, पाली की 6 और सीकर की 8 विधानसभा शामिल है.
इन मंत्रियों को दिया नए जिले और संभाग का तोहफा
घोषणा के विश्लेषण से पता चलता है कि गहलोत के तीन मंत्रियों को नए जिले मिले हैं. इनमें सुखराम विश्नोई को सांचौर, राजेंद्र यादव को कोटपूतली-बहरोड, विश्वेंद्र सिंह को डीग मिला. पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को सीकर संभाग, सलाहकार रामकेश मीणा को गंगापुर शहर जिला और बाबूलाल नगर को डूडू जिला मिला. डिप्टी व्हिप महेंद्र चौधरी को कुचामन डीडवाना को शामिल कर जिला मिला है.
सीएम गहलोत के करीबी रघुवीर मीणा को सलूंबर जिला मिला. बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए दीपचंद खेरिया को खैरथल जिला मिला है. गहलोत ने बांसवाड़ा को संभाग और सलूम्बर को जिला बनाकर आदिवासियों पर अपनी पकड़ और मजबूत कर ली. गुजरात प्रभारी रघु शर्मा को केकड़ी जिला उपहार में दिया गया है, जो उनका गृह क्षेत्र है.
सीएम गहलोत ने अपने गृहक्षेत्र जोधपुर में तीन जिले बनाए हैं. उधर, जयपुर में भाजपा के गढ़ क्षेत्रों में पैठ बनाने के 4 जिले बनाए हैं. पाली, जालोर और सिरोही बीजेपी के गढ़ हैं. सीएम गहलोत ने सांचौर को जिला और पाली को संभाग बनाकर इन इलाकों में पैठ बनाने की कोशिश की है. श्रीगंगानगर संभाग के अनूपगढ़ में भी भाजपा की सीट तोड़ने की कोशिश की जा रही है.
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