राजस्थानः 2023 में भी गहलोत ही होंगे चेहरा! सीएम ने किया ये इशारा, जानें

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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान कांग्रेस की गुटबाजी के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा बयान दिया है. पिछले चुनाव में जीत का श्रेय लेते हुए इशारों-इशारों में आगामी चुनाव के लिए दावेदारी जता दी. उन्होंने कहा कि जनता की आवाज थी कि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बनना चाहिए. मुझे लगता है कि इस बार फिर से ऐसा होगा. इस बार ना तो कोई नाराजगी है और ना मोदीजी की हवा है. वह हवा भी अब नहीं है.

पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि पार्टी  में भी आखरी वक्त तक एकता रहेगी. सब लोग समझ जाएंगे कि जनता का मूड क्या है. हम सब मिलकर इस बार मैदान में उतरेंगे. मेरी अंतरात्मा कहती है कि चाहे विपक्ष सरकार की कितनी ही कमी बताएं. लेकिन जनता उसे स्वीकार करने वाली नहीं है. इस बार चाहे राजस्थान में नरेंद्र मोदी पड़ाव डाले. नड्डाजी या आरएसएस के मोहन भागवत राजस्थान आए. कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.

सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि मैंने जान लगा दी है और दिन-रात एक कर दिया. मुझे तीन बार कोरोना हुआ. फिर भी मैंने 500 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. मुझे गोड गिफ्ट है, दिल की बात बोलता हूं. पहले एक बार कर्मचारियों ने नाराजगी व्यक्त की. मेरी सरकार चली गई. मैं भी नया था और संवाद नहीं कर पाया. फिर 2013 में मोदी की हवा चल पड़ी. जिसका फायदा मोदी को मिल गया.

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उन्होंने कहा कि हम 21 सीटों पर आ गए. 2018 में हमारी सरकार बनी उसका मुख्य कारण पुरानी सरकार के काम थे. पुरानी सरकार के कामों को याद किया. हमारी सरकार जाने के छह महीने बाद ही लोग याद करने लग जाते हैं कि गलती हो गई, पुरानी सरकार ही अच्छी थी. ये भी कारण होता है सरकार वापस आने का.

बीजेपी ने राजस्थान का बना रखा है टारगेट
गहलोत ने कहा कि इन लोगों (बीजेपी) ने राजस्थान को टारगेट बना रखा है. क्योंकि महाराष्ट्र, कर्नाटक के अंदर, मध्य प्रदेश और गोवा में हॉर्स ट्रेडिंग की. यहां इनकी पोल पट्टी चल नहीं पाई. मैं प्रदेशवासियों और विधायकों को इसलिए ही बार-बार धन्यवाद देता हूं. क्योंकि अगर वह लोग मेरा साथ नहीं देते तो आज मैं मुख्यमंत्री के तौर पर खड़ा नहीं होता. इससे पहले उन्होंने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश में हिंसा का माहौल है. अमीरी-गरीबी के बीच खाई बनती जा रही है. आज शुभ दिन भी बोलना पड़ता है. क्योंकि ये मुद्दे ऐसे ज्वलंत है. राज्यों और केंद्र सरकार को मिलकर सोचना चाहिए. देशवासियों को संज्ञान लेना चाहिए कि राहुल गांधी को ये यात्रा क्यों करनी पड़ी. ये मुद्दे लेकर उन्होंने यात्रा की, उनका संकल्प 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर संपन्न होने जा रहा है.

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मिशन-156 होगा कामयाब
उन्होंने कहा कि हमारा रास्ता साफ है कि जब मैं प्रदेशाध्यक्ष था तब 1998 में हमारी 156 सीट आई थी. अब फिर हमें मिशन-156 पर काम करना है. मुझे लगता है कि मिशन-156 जरूर कामयाब होगा. सीएम ने कहा कि इस बार का बजट भी शानदार होगा. उन्होंने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है. ग्रामीण ओलंपिक कराया तो उसे भी अन्य राज्य सरकारों ने सराहा. हमारी हैल्थ सर्विस, शहरी रोजगार, उड़ान, हर मुद्दा जो छोटा या बड़ा है. वह उदाहरण बन गया. राजस्थान का नौजवान विदेश जाएगा. साधन-संपन्न नहीं है और उन्हें राज्य सरकार भेजेगी तो जो वह राज्य का मानव संसाधन विकसित होगा. हमने हर कार्यक्रम को सोच-समझकर लागू किया.

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इस दौरान उन्होंने ओपीएस को लेकर भी राय रखी कि इस योजना को लेकर हमारे राज्य सरकार के अधिकारियों से भी संवाद किया जाना चाहिए. साथ ही मानवीय दृष्टिकोण का भी सोचा जाएं. जो ओपीएस ले रहे है उन्हें महंगाई भत्ता मिलता है. वो लोग ओपीएस का डीए छोड़ने को तैयार है तो नए लोगों की सामाजिक सुरक्षा को मार्केट के म्यूचल फंट और शेयर मार्केट के बूते छोड़ना ठीक नहीं है.

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