REET परीक्षा: पेपर लीक के बाद सरकार ने जल्द कार्रवाई का किया था दावा, 11 महीने बाद भी निराशा

Sunil Joshi

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Rajasthan news: पिछले दिनों राजस्थान में वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे थे. स्टूडेंट्स से लेकर विपक्ष तक ने सरकार को जमकर घेरा था. विरोध से घिरी सरकार की ओर से कहा गया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. यही बात पिछले साल रीट परीक्षा के पेपर लीक होने के बाद बोली गई थी. सीएम अशोक गहलोत ने 7 फरवरी को सेकंड लेवल का पेपर निरस्त करने की घोषणा करते हुए कहा था कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसको लेकर कोर्ट ने भी जांच की निगरानी की, फिर भी ट्रायल कछुआ चाल से आगे बढ़ रहा है.

जानकारी के अनुसार रीट पेपर लीक के सभी आरोपियों की जमानत हो चुकी है. जिस कोर्ट में सुनवाई चल रही है वहां भी 11 माह से स्थाई जज तक नहीं है. अब तक तीन सरकारी वकील बदले जा चुके हैं और आरोप भी तय नहीं हुए हैं. रीट पेपर लीक को लेकर एसओजी ने साल 2021 में सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर सिटी थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. सुनवाई यहां के एसीजेएम कोर्ट में चल रही है, 11 माह से चार्ज सीजे एंड जेएम अभिमन्यु सिंह के पास है. रीट पेपर लीक में अब तक 19 तारीखें के पड़ चुकी है, लेकिन केस प्री चार्ज स्टेज में ही है.

सितंबर 2021 मैं आयोजित हुई रीट भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में चार्ज बहस लंबी खिंचेगी. क्योंकि इस मामले में आरोपी अधिक है और सब पर अलग-अलग आरोप है. हर आरोपी पर सरकारी वकील चार्ज लगाएंगे, उनके वकील इसे काउंटर करेंगे. जज तय करेंगे कि किस आरोपी पर किस धारा में मुकदमा चलेगा. संतुष्ट नहीं होने पर दोनों पक्षों को अपील का अधिकार भी है. अपील होने पर सुनवाई में भी समय लगेगा. कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार इस प्रक्रिया में कम से कम 2 साल लग जाएंगे. इसके बाद सजा पर सुनवाई शुरू होगी. जिसकी प्रक्रिया और भी पेचीदा एवं लंबी है. यदि पेपर लीक मामले में यही चाल रही तो 10 साल में भी ट्रायल पूरा होना संभव नहीं है.

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साल 2021 में रीट परीक्षा पेपर लीक मामले में रामकृपाल मीणा, प्रदीप पाराशर, अमृत लाल मीणा, भजन लाल व कई दलाल इसमें शामिल थे. गंगापुर सिटी थाने में इन सब के खिलाफ मुकदमा दर्ज है. गौरतलब है कि पिछले साल 26 सितंबर को हुई रेट परीक्षा में 20 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था.

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गंगापुरसिटी बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल दुबे ने कहा कि हाईकोर्ट को जल्द से जल्द खाली पड़े पद पर जज की नियुक्ति देनी चाहिए ताकि मामले की जल्द सुनवाई हो सके. साथ ही उन्होंने सरकार से इस तरह के मामलो में फास्ट ट्रेक की मांग की है. ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके और लाखों बेरोजगार युवाओं को समय पर नया मिल सके.

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