पैर में गोली लगने से पुलिस के हत्थे चढ़ा इनामी डकैत केशव गुर्जर, 6 घंटे तक चली मुठभेड़

Umesh Mishra

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Rajasthan News: राजस्थान के धौलपुर जिले के बीहड़ों में एक लाख 15 हजार रुपए के इनामी डकैत केशव गुर्जर की गैंग और पुलिस के बीच रविवार की रात को मुठभेड़ हो गई. पुलिस फायरिंग के दौरान डकैत केशव गुर्जर के पैर में गोली लग जाने से वह घायल हो गया. पुलिस ने घायल डकैत केशव को घेराबंदी कर धर दबोचा. बाद में केशव गुर्जर को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसका उपचार चल रहा है. मुठभेड़ के दौरान कई पुलिसकर्मियों के बुलेट प्रूफ जैकेट में भी गोली लगी है. पुलिस की टीम गैंग के अन्य साथियों की तलाश कर रही है.

गौरतलब है कि रातभर एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव के नेतृत्व में बाड़ी सीओ मनीष कुमार शर्मा के साथ सोने का गुर्जा थाना, बाड़ी कोतवाली, बाड़ी सदर थाना पुलिस, डीएसटी, एडीएफ और क्यूआरटी टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया. धौलपुर एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव को रविवार को डकैत केशव गुर्जर की बाड़ी उप खंड के बीहड़ों में छिपे होने की सूचना मिली थी जिसके बाद एसपी खुद टीम के साथ वहां पहुंच गए थे. करीब 6 घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद सोने का गुर्जा थाना इलाके के बीहड़ में सोहन बाबा के मंदिर के पास डकैत के पैर में गोली लगी. इसके बाद उसे पकड़ लिया गया. भरतपुर आईजी गौरव श्रीवास्तव इस मुठभेड़ की मॉनिटरिंग कर रहे थे.

गैंगस्टर की तरह काम करता है केशव
डकैत केशव गुर्जर धौलपुर जिले के कुदिन्ना गांव का रहने वाला है और करीब दस वर्ष से फरार चल रहा था. उस पर एमपी, यूपी और राजस्थान पुलिस की और से करीब एक लाख 15 हजार रुपये का इनाम घोषित है. केशव की गैंग के सदस्यों के पास आधुनिक हथियार हैं. उसने शादी भी नहीं की है और ना ही उसका कोई परिवार है. डकैत केशव गैंगस्टर की तरह काम कर रहा है. वह सिर्फ फिरौती वसूल करता है.

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6 माह में 5 बार हो चुका पुलिस और डकैत का आमना-सामना
धौलपुर जिले में एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव की नियुक्ति होने के बाद से 6 महीने में पुलिस का पांच बार डकैत केशव से आमना-सामना हो चुका है. साल 2022 के नवंबर के महीने में चन्द्रपुरा के बीहड़ और सोने का गुर्जा थाना इलाके के ओलेट की खिरकारी में हुई मुठभेड़ में दोनों तरफ से 190 और 65 राउंड फायरिंग हुई थी. पुलिस ने डकैत केशव के दो साथी रामबृज और रामोतार उर्फ बंटी को पकड़ कर सलाखों के पीछे भेज दिया है.

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अपराध की दुनिया में ऐसे हुई थी केशव की एंट्री
बाइक चोरी कर केशव गुर्जर साल 2007 में डकैत जगन गुर्जर से जुड़ा. इसके बाद वह लगातार अपराधों में आगे बढ़ता गया. उसका अब तक 11 बार पुलिस से आमना-सामना हुआ है लेकिन पकड़ा नहीं गया था. बारहवीं बार पुलिस से हुई मुठभेड़ में वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया. डकैत के खिलाफ हत्या के प्रयास, लूट, रंगदारी जैसे तीन दर्जन से अधिक संगीन धाराओं में आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं. 40 साल के डकैत केशव गुर्जर की गैंग धौलपुर से लेकर एमपी के मुरैना और इनसे सटे जिलों में माइनिंग व्यापारियों, बिजनेसमैन व प्रॉपर्टी डीलर्स से फिरौती वसूलती है. केशव गुर्जर की गैंग में उसका भाई और 4-5 दूसरे साथी शामिल हैं.

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तस्वीर: उमेश मिश्रा, राजस्थान तक

100 किमी. से ज्यादा में फैला हुआ है चंबल का बीहड़
धौलपुर जिले के सरमथुरा से राजाखेड़ा क्षेत्र तक करीब सौ किलोमीटर से अधिक चंबल नदी बह रही है जिसका बीहड़ और डांग इलाका भूल-भुलैया जैसा फैला हुआ है. इन बीहड़ों में रास्ते भी नहीं हैं. मिट्टी के बड़े-बड़े टीले और घने जंगल हैं जिनके कारण दूर-दूर तक कुछ भी दिखाई नहीं देता. कोई निश्चित रास्ता नहीं होने से कहां पर घुसेंगे और कहां निकलेंगे, यह जान पाना कठिन है. डकैत बीहड़ों के रास्ते अच्छी तरह पहचाने हैं, इन रास्तों पर पुलिस को डकैतों को तलाशने में काफी दिक्कतें आती हैं. चंबल के बीहड़ों में रहने वाले डकैतों का खौफ डांग इलाकों के लोगों पर अधिक बना रहता है क्योंकि डकैत डांग के गांवों में भी शरण लेते हैं. डांग में डकैतों का आतंक अधिक होने के कारण लोगों को भी मजबूरन पुलिस की जगह डकैतों का साथ देना पड़ता है.

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