Rajasthan News: जैन धर्म के पवित्र तीर्थ स्थान सम्मेद शिखर को बचाने के लिए जैन समुदाय के लोग अलग-अलग जगहों पर मौन विरोध जता रहे हैं. हाल ही में जयपुर के जैन मुनि सुज्ञेय सागर ने अपनी सभ्यता और संस्कृति को बचाने के लिए समाधि ले ली. मुनि सुज्ञेय सागर सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में उपवास पर बैठे थे. सम्मेद शिखर मामले को लेकर मुनि सुज्ञेय सागर ने करीब 10 दिन से अन्न-जल त्याग दिया था.
इसी खबर के बाद एक और जैन मुनि समर्थ सागर भी अनशन पर बैठ गए हैं. जानकारी के मुताबिक उनका कहना है कि मेरे सामने महान पवित्र स्थल सम्मेद शिखर के लिए मुनि सुज्ञेयसागर ने समाधि ले ली. अब मैंने भी प्रतिज्ञा की है कि जब तक इस मामले का समाधान नहीं हो जाता और सब कुछ साफ नहीं हो जाता, तब तक के लिए सब त्याग कर दूंगा.
तो वहीं भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सम्मेद शिखरजी बचाओ संघर्ष समिति ने यूपी के बड़ौत में राहुल गांधी से मुलाकात की और उन्होंने पत्र सौंपते हुए कहा कि पिछले कई वर्षों में केंद्र सरकार की ओर से जानबूझकर किए गए गलत कार्य से हजारों पर्यटक इस पवित्र तीर्थ स्थल पर जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के विपरीत मांसाहार को बढ़ावा दिया जा रहा हैं. वहीं टोंक विधायक और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी को पत्र लिखा. उनका कहना हैं कि जनभावना को ध्यान में रखते हुए सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के मामले पर फिर से पुर्नविचार किया जाना चाहिए.
गौरतलब है कि झारखंड का हिमालय कहे जाने वाले पारसनाथ पहाड़ी पर गिरडीह जिले में सम्मेद शिखर नाम का जैनियों का सर्वोच्च तीर्थस्थल है. जहां जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की.यहां पर 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ ने भी निर्वाण प्राप्त किया था. दरअसल इसी सम्मेद शिखर को तीर्थ स्थल की जगह पर्यटन स्थल के रूप में नोटिफाई किए जाने पर पूरे देश में जैन समाज का गुस्सा देखने को मिल रहा है.
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