Rajasthan news: राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने भ्रष्ट अधिकारियों- कर्मचारियों को ट्रेप करने के बाद नाम और फोटो जारी नहीं करने का आदेश जारी किया है. सिर्फ विभाग का नाम और पद की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी. इसको लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो रहा है. गहलोत सरकार को जीरो टॉलरेंस नीति को लेकर आड़े हाथों ले रहे हैं. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने भी इस फरमान को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने इसे तुगलकी परमान करार दे दिया.
पूनियां ने कहा कि राजस्थान में गहलोत सरकार ठगी और वादाखिलाफी के लिए कुख्यात हो चुकी है. किसानों और नौजवानों से धोखा करने वाली सरकार अब भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए कानून ला रही है. जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली गहलोत सरकार भ्रष्टाचारियों को तुगलकी फरमान के जरिए बचाना चाहती है.
पूनियां ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम की बात कही थी. लेकिन भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने वाली एसीबी ने ही एक काला फरमान जारी किया है. जिससे उनको बचाया जाएगा. प्रदेश में हर साल भ्रष्टाचार के 600 मामले आते हैं. राजस्थान में आकाश से पाताल तक भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है. यह सरकार अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार है.
दरअसल भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के कार्यवाहक महानिदेशक बनने के बाद आईपीएस अधिकारी हेमंत प्रियदर्शी ने भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों को ट्रैप करने के बाद उनके नाम और फोटो जारी नहीं करने के आदेश जारी किए हैं. एसीबी की ओर से जारी इस आदेश को लेकर पुलिस महकमे के साथ राजनीति हल्के में भी चर्चाएं तेज हो गई है. आदेश में साफ कहा गया कि जब तक आरोपी पर अपराध सिद्ध नहीं हो जाता, तब तक उसकी फोटो, नाम मीडिया में या किसी अन्य व्यक्ति को नहीं दिया जाएगा.
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