सीकर: राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में लामबंद हुए डॉक्टर, सरकार को दे डाली चेतावनी

Sushil Kumar

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Right to health bill protest: राजस्थान सरकार के राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में सीकर जिला मुख्यालय पर बुधवार को आठवें दिन भी धरना जारी रहा. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले डॉक्टरों ने एक्ट का विरोध करते हुए साइकिल रैली निकाली. साइकिल रैली जिला क्लब से रवाना हुई जो पुलिस लाइन, बजरंग कांटा, दो नंबर डिस्पेंसरी, पुराना अजमेर बस स्टैंड, सूरजपोल गेट, जाट बाजार, स्टेशन रोड होते हुए तापड़िया बगीची व कल्याण सर्किल होते हुए वापस जिला क्लब पहुंची. इस दौरान बड़ी संख्या में आईएमए के पदाधिकारी सहित जिले के डॉक्टर मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि सरकार जो राइट टू हेल्थ बिल ला रही है, उसमें विसंगति ही नहीं वह सरासर गलत है. सरकार को राइट टू हेल्थ बिल बनाने से पहले चिकित्सा के क्षेत्र के विशेषज्ञों से चर्चा कर उनकी राय लेनी चाहिए थी.

आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर रामदेव चौधरी व डॉ रविंद्र धाभाई ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार राइट टू हेल्थ के नाम से जो दमनात्मक कानून चिकित्सकों पर लगाने जा रही है उसके विरोध में डॉक्टरों का आठवें दिन भी आंदोलन जारी है. यह बिल डॉक्टरों को किसी भी हालात में मंजूर नहीं है. राज्य सरकार आमजन के स्वास्थ्य संबंधी जिम्मेदारी से बचने के लिए उसे निजी चिकित्सकों पर थोपने का प्रयास कर रही है. चिकित्सकों और मरीज के बीच जो विश्वास का रिश्ता है इस कानून के बाद वह तार-तार हो जाएगा.

डॉक्टरों को प्रताड़ित करेगा बिल- आईएमए
इस अधिनियम के माध्यम से डॉक्टरों को प्रताड़ित किया जाएगा, क्योंकि आगे जो नियम के लिए समिति बनाई जाएगी, उसमें राजनीतिक लोग शामिल किए जाएंगे. किसी भी डॉक्टर की सहभागिता नहीं होगी. डॉक्टरों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने डॉक्टरों से वार्ता के लिए जो नाम दिए हैं, उसमें सरकारी कर्मचारी अपने स्तर पर लिए हैं जो दबाव में आकर सही फैसला नहीं कर पाएंगे. डॉक्टर रामदेव चौधरी ने कहा कि सरकार का प्रथम दायित्व आमजन को अच्छा स्वास्थ्य देना है, चिकित्सकों का कार्य सिर्फ उपचार देना है.

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अगर सरकार आमजन को स्वस्थ रखना चाहती है तो अच्छा रहन सहन, साफ सफाई, खाना, रोजगार, आवास सहित अन्य सुविधाएं मुहैया करवाएं जिससे ना तो वह बीमार होंगे और ना ही इस एक्ट की आवश्यकता होगी. राइट टो हेल्थ बिल के विरोध में गुरुवार को चिकित्सकों की ओर से पैदल मार्च का आयोजन किया जाएगा. वहीं शुक्रवार को कैंडल मार्च निकाला जाएगा. उसके बाद भी सरकार एक्ट को वापस नहीं लेती है तो पूरे प्रदेश में डॉक्टरों की ओर से हड़ताल का आह्वान किया गया है.

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