अजमेर नगर निगम की साधारण सभा कल, यूजेज चार्जेज पर हंगामे को देखते हुए पत्रकारों पर लागू की सेंसरशिप

चंद्रशेखर शर्मा

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Ajmer News: बीजेपी के अजमेर नगर निगम बोर्ड ने मीडिया पर ही सेंसरशिप लागू कर दी है. करीब एक साल बाद होने जा रही निगम की साधारण सभा में संभावित हंगामे को देखते हुए नगर निगम महापौर ने ऐसी व्यूह रचना तैयार कर दी है कि अब साधारण सभा में घुसने के लिए पत्रकारों के लिए भी पास अनिवार्य कर दिया गया है. गौरतलब है कि इससे पहले हुई साधारण सभा में हंगामे के चलते महापौर को पिछले दरवाजे से भागना पड़ा था.

भाजपाई महापौर ब्रजलता हाडा के खिलाफ यूजेज चार्ज मामले में भाजपा के ही सांसद भागीरथ चौधरी, विधायक वासुदेव देवनानी, विधायक अनीता भदेल ने मोर्चा खोल रखा है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेसी पार्षदों ने भी प्री जीसी बैठक में स्पष्ट कर दिया कि इस बार की साधारण सभा में न तो महापौर को भागने दिया जाएगा और ना ही कांग्रेस के पार्षद किसी भी मुद्दे पर वॉक आउट करेंगे. कांग्रेस ने खुले शब्दों में ऐलान किया है कि यूजेज चार्ज मुद्दे पर और निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर महापौर को जवाब देना ही होगा.

देवनानी दे चुके है निंदा प्रस्ताव लाने की चेतावनी
अजमेर में व्यापारियों और नागरिकों से यूजेज चार्ज की जबरन और अवैध वसूली के खिलाफ नगर निगम में उत्तर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा पार्षदों के साथ पूर्व शिक्षा मंत्री व अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी भी तीखे तेवर दिखा चुके है. उन्होंने आयुक्त सुशील कुमार का उनके कमरे में घेराव कर निगम के सभी अधिकारियों के रवैये को तानाशाहीपूर्ण बताया था. साथ ही यूजेज चार्ज को जजिया कर बता दिया था. उन्होंने आयुक्त को उनके कमरे में ही जनता और व्यापारियों के साथ ज्यादती करने पर जमकर खरी-खरी सुनाई थी. देवनानी सहित पार्षदों ने आयुक्त को चेतावनी दी थी कि उन्होंने अपना रवैया नहीं सुधारा तो साधारण सभा में उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाकर उन्हें अजमेर से रवाना किया जाएगा. वही अजमेर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद भागीरथ चौधरी भी यूजेज चार्जेज का विरोध कर चुके है.

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22 प्रस्तावों पर होनी है चर्चा
कल होने वाली नगर निगम की साधारण सभा में 22 प्रस्तावों पर चर्चा होनी है. इनमें शहर के कई प्रमुख मुद्दे शामिल है. लेकिन जिस यूजेज चार्ज को लेकर सबसे ज्यादा हंगामा हो रहा है उसे प्रस्ताव में शामिल नहीं किया गया है. इस बात से कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों में रोष है. लेकिन जानकारी के अनुसार निगम के दो तिहाई पार्षद यदि साधारण सभा में इस प्रस्ताव को शामिल करने की मांग करेंगे तो इस प्रस्ताव को शामिल किया जाएगा जिसकी प्रबल संभावना जताई जा रही है.

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