Tonk News: प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को अपनी सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप ‘मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना’ व ‘मुख्यमंत्री निशुल्क यूनिफॉर्म’ वितरण का पूरे प्रदेश में वर्चुअल शुभारंभ किया. इसी शुभारंभ को लेकर टोंक जिले में भी सभी विद्यालयों में इस योजना की शुरूआत की गयी. इसका जिला स्तरीय कार्यक्रम राजकीय महात्मा गांधी विद्यालय गुलजार में रखा गया. जहां तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री द्वारा वर्चुअल शुभारंभ के बाद लगभग 12.30 बजे दोपहर बच्चों को दूध पिलाने का कार्यक्रम था. इसके बाद कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए बच्चों को यूनिफॉर्म सौंपी जानी थी.
लेकिन हद तो तब हो गई जब मुख्यमंत्री के वर्चुअल शुभारंभ के समय ना ही तो शिक्षा विभाग का बड़ा अधिकारी मौजूद रहा, ना ही जिला प्रशासन का कोई अधिकारी. और तो और सचिन पायलट का गढ़ माने जाने वाले टोंक में कोई भी कांग्रेसी नेता इस कार्यक्रम में पहुंचा. लेकिन बाद में शिक्षा विभाग के अधिकारी देरी से कार्यक्रम में पहुंचे.
बताया जा रहा है जब निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जब इस योजना को शुभारंभ नहीं हुआ तो स्थानीय शिक्षकों को बच्चों की भूख प्यास को देख खेलघंटी करनी पड़ गयी. एक गिलास दूध व यूनिफॉर्म मिलने का इंतज़ार कर रहे बच्चें इस दौरान कई तरह की शैतानियां व आपसी चुहलबाज़ी करते नज़र आये.
जानकारी के मुताबिक जब दोपहर दो बजे तक भी इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल वहां नहीं पहुंची तो वहां पहुंचे शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ही दोपहर लगभग पौने तीन बजे 10 नन्हें बच्चों को यूनिफॉर्म सौंपा. व कुछ बच्चों को दूध पिला कार्यक्रम की इतिश्री कर ली. कार्यक्रम में मौजूद विद्यार्थियों ने कहा कि उन्हें दूध के लिये काफी इंतजार तो करना पड़ा लेकिन मीठा दूध पीकर उन्हें काफी मजा आ गया.