सैनी समाज की आरक्षण की मांग, बैंसला ने भी सरकार को दी चेतावनी, गुर्जर आंदोलन की दिलाई याद

मनोज तिवारी

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Saini Samaj Reservation Protest: राजस्थान में सैनी-माली समाज की 12 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच गुर्जर नेता ने भी सरकार को चेतावनी दे दी है. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष विजय बैसला ने कहा कि एमबीसी आरक्षण से छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर ऐसा हुआ तो फिर से बड़े आंदोलन के लिए समाज तैयार रहेगा. साथ ही बैसला ने कहा कि वैसे मुख्यमंत्री गहलोत काफी समझदार हैं. वो इस बात का ध्यान रखेंगे.

दरअसल, एमबीसी आरक्षण से छेड़छाड़ की खबरों से एमबीसी आरक्षण में आने वाली जातियों खास तौर से गुर्जरों में खासी बैचेनी नजर आ रही है. इन्ही आशंकाओं को लेकर गुर्जर समाज ने अभी से ही एमबीसी आरक्षण के 5 फीसदी कोटे में छेड़छाड़ नहीं करने को लेकर चेतावनी दे दी है.

इसी मामले को लेकर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष विजय बैसला टोंक पहुंचे. समाज के लोगों के साथ एक बैठक के बाद राजस्थान तक से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रदेश में माली सैनी समाज के अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के संबंध में आशंकाएं जताई जा रही हैं. आशंका यह है कि सरकार  एमबीसी आरक्षण के 5 फीसदी के कोटे के साथ छेड़छाड़ कर सकती है. विजय बैसला ने कहा कि वैसे तो मुख्यमंत्री गहलोत काफी सुलझे हुए और समझदार राजनीतिज्ञ हैं. वे हमारे आरक्षण से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं करेंगे.

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72 लोगों की कुर्बानी को नहीं जाने देंगे बेकार- बैंसला
चेतावनी भरे लहजे में बैंसला ने कहा कि अगर किसी भी तरह से हमारे आरक्षण कोटे से छेड़छाड़ की जाती है तो हम अपने समाज के 72 लोगों की कुर्बानी को बेकार नहीं जाने देंगे. हम अपने आरक्षण को बचाने के लिए फिर से सड़कों पर उतरने से भी नहीं हिचकिचाएंगे. इससे पहले भी मीरासी समाज को हमारे आरक्षण कोटे में शामिल करने की कोशिश की गई थी. जिसका भी हमने विरोध जताया था और अब भी अगर ऐसा होता है तो हम चुप नहीं बैठेगें.

हांलांकि बैसला ने कहा कि वे किसी भी कमजोर व पिछड़ी जाति को आरक्षण देने के विरोध में नहीं हैं, लेकिन सरकार को उनके लिए अलग से प्रावधान करना होगा. एमबीसी आरक्षण को केंद्र सरकार की 9वीं अनुसूची में शामिल किए जाने के मामले पर कहा कि राज्य सरकार अपना काम कर चुकी है. यह मामला केंद्र सरकार के पास अटका हुआ है. हमारी मांग है कि प्रदेश के लगभग 12 सांसद जो एमबीसी मतदाता बाहुल्य इलाकों से जीतकर आते हैं. वे इस मामले को लोकसभा में पुरजोर तरीके से उठाएं.

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