जेल प्रहरियों को मिला उपेन यादव का साथ, कहा- हड़ताल खत्म होने तक नहीं करूंगा अन्न ग्रहण
Rajasthan News: जेल प्रहरियों के आंदोलन को राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव का भी साथ मिल गया है. उन्होंने शनिवार को सेंट्रल जेल पहुंचकर जेल प्रहरियों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है. उपेन यादव ने ट्वीट के जरिए बताया कि जेल प्रहरी वेतन विसंगतियों से बहुत ज्यादा प्रताड़ित हैं. धरना […]

Rajasthan News: जेल प्रहरियों के आंदोलन को राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव का भी साथ मिल गया है. उन्होंने शनिवार को सेंट्रल जेल पहुंचकर जेल प्रहरियों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है. उपेन यादव ने ट्वीट के जरिए बताया कि जेल प्रहरी वेतन विसंगतियों से बहुत ज्यादा प्रताड़ित हैं. धरना प्रदर्शन के दौरान जब मुझे सेंट्रल जेल जाना हुआ मैंने उनकी पीड़ाओं को बारीकी से देखा है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी मैं अन्न ग्रहण नहीं करूंगा और केवल लिक्विड ग्रहण करूंगा.
गौरतलब है कि अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के आह्वान पर वेतन विसंगति की मांग को लेकर धौलपुर, कोटा, जयपुर, टोंक, सीकर समेत लगभग सभी जिलों के जेल कर्मचारियों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है. सभी ने अन्न त्याग कर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आंदोलन के तहत जेल में मैस का संचालन नहीं किया जा रहा है और कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अनशन पर बैठ गए हैं. अब उपेन यादव का साथ मिलने से सरकार पर दबाव बढ़ेगा और आंदोलन को नई रफ्तार मिल सकती है.
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कौन हैं उपेन यादव
उपेन यादव राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष हैं. वह पिछले कई सालों से लगातार बेरोजगारों की आवाज बने हुए हैं. उपेन हर प्रतियोगिता परीक्षा में होने वाली गड़बड़ी के खिलाफ आवाज उठाते हैं. सरकार चाहे बीजेपी की हो या कांग्रेस की, उपेन के आंदोलन सरकार के लिए हमेशा सिरदर्द बन जाते हैं. उनकी एक आवाज पर प्रदेश के हजारों बेरोजगार एकत्रित हो जाते हैं. युवाओं के लिए लड़ने वाले उपेन दर्जनों बार जेल गए हैं. और शायद यही वजह है कि वह राजस्थान के स्टूडेंट्स के बीच इतने पॉपुलर हैं.
जानें क्या है जेल प्रहरियों के आंदोलन की वजह
प्रदेश के जेल प्रहरी लम्बे से समय से वेतन विसंगति को दूर करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि पहले जेल प्रहरियों को पुलिस कॉन्स्टेबल के समान वेतन मिलता था, लेकिन 1998 से इसमें विसंगति हो गई. इस विसंगति को दूर करवाने के लिए जेल प्रहरियों ने वर्ष 2017 में आंदोलन किया था. जिसके बाद गहलोत सरकार और विभाग के अधिकारियों के बीच वेतन विसंगति के संबंध में समझौता हुआ था लेकिन समझौता होने के बाद भी सरकार द्वारा आज तक उसे लागू नहीं किया गया. जेल कर्मचारियों द्वारा सरकार को कई वार ज्ञापन और व्यक्तिगत रूप से मिलकर भी अवगत करवाया गया. लेकिन कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर सरकार के गंभीर नहीं होने से अब कर्मचारियों में रोष उत्पन्न हो गया है.
जेल मंत्री ने बीजेपी को ठहराया जिम्मेदार
जेल मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि जेल कर्मियों की हड़ताल जायज है, क्योंकि इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के शासनकाल में वेतन संबंधी विसंगति पैदा हुई है जिसका अब तक समाधान नहीं हुआ था. अब उन्होंने मुख्यमंत्री से इस संबंध में बात की है जल्द ही उनकी समस्या का समाधान कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि जेल कर्मी अपने आंदोलन के साथ-साथ जेल की सुरक्षा में भी ड्यूटी दे रहे हैं. इसलिए जेल में बंद कैदियों की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है.