Rajasthan News: राजस्थान में 25 और 26 सितंबर को जो ड्रामा हुआ था वो हम सबने देखा. तब से लेकर अब तक हम लगातार कह रहे हैं कि यह ड्रामा फिलहाल नहीं थमेगा. अभी राजस्थान कांग्रेस के अंदर और रायता फैलना बाकी है और कांग्रेसियों की ये कलह अभी और सामने आने वाली है. अब अजय माकन के इस्तीफे की खबर ने एक बार फिर राजस्थान कांग्रेस में लगी आग को हवा दे दी है.
दिव्या मदेरणा और खिलाड़ी लाल बैरवा के बाद अब प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी अजय माकन के समर्थन में आवाज बुलंद कर दी है. अपने बेबाक और निडर अंदाज में सरकार पर हमलावर रहने वाली दिव्या मदेरणा ने भी अजय माकन के इस्तीफे का विरोध किया है.
दिव्या मदेरणा ने ट्वीट कर लिखा कि मल्लिकार्जुन खड़गे को अजय माकन का इस्तीफा स्वीकार नहीं करना चाहिए, वो लोग यही चाहते हैं कि राजस्थान कांग्रेस का ऐसा महासचिव बने जो ब्लैकमेल करने पर झुक जाए, ऐसा नहीं जो गांधी परिवार का वफादार है. अब दिव्या मदेरणा के इस ट्वीट के कई मायने निकाले जा रहे हैं. लेकिन सबसे बड़ी बात यही है कि दिव्या ने एक बार फिर बिना नाम लिए पार्टी आलाकमान के खिलाफ जाने वालों को संदेश दे दिया है.
तो इधर पायलट खेमे के विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा तो खुलकर अजय माकन के समर्थन में और बागियों के विरोध में उतर चुके हैं. बसेड़ी विधायक खिलाड़ीलाल बैरवा ने भी कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे से अजय माकन का इस्तीफा नामंजूर करने की अपील की है.
खिलाड़ी लाल बैरवा ने न सिर्फ अजय माकन के इस्तीफे को गलत बताया है बल्कि सवाल भी उठा दिया है कि अगर बागियों पर कार्रवाई नहीं होगी और राजस्थान कांग्रेस में चीजें ठीक नहीं होगी तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में कैसे सफल होगी. साथ ही बैरवा ने ये भी कह दिया कि जिन्हें बदलना है उन्हें जल्द बदला जाए और जिनपर कार्रवाई होनी है वो भी जल्द राहुल गांधी की यात्रा राजस्थान आने से पहले हो.
ये तो हो गई दिव्या मदेरणा और खिलाड़ी लाल बैरवा की बात. अब जरा राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की बात सुनिए. खाचरियावास जी कह रहे कि उन्हें भी अजय माकन के इस्तीफे की पेशकश से बहुत बुरा लगा है. खाचरियावास कह रहे कि ये कांग्रेस परिवार का मामला है और हम इसे आपस में सुलझा लेंगे. अजय माकन जी के साथ कांग्रेस के किसी भी विधायक या नेता का मतभेद नहीं है. अब ये बात अलग है कि प्रताप सिंह जी के अलावा राजस्थान के बच्चे-बच्चे को पता होगा कि अजय माकन के इस्तीफे और नाराज़गी की वजह क्या है.
बहरहाल जो भी हो, 25 सितंबर के ड्रामे के बाद अब अजय माकन के इस्तीफे से दो बातें तो बिल्कुल साफ है. पहली ये कि राजस्थान कांग्रेस ने पार्टी आलाकमान के खिलाफ बगावत की और दूसरी ये कि अब राजस्थान कांग्रेस में जो गुटबाजी चल रही थी वो पहले से और तेज हो चुकी है और आगे भी होने वाली है.