Rajasthan political news: कांग्रेस के 90 विधायकों के इस्तीफा प्रकरण में सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को 10 दिनों के अंदर फैसला करने को कहा है. कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष अपने समक्ष आने वाले किसी भी मामले को अधिक समय तक लंबित नहीं रख सकते हैं. अब इस मामले में अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी. आपको बता दें कि 25 सितंबर को गहलोत समर्थक विधायकों ने विधायक दल की बैठक से इतर मंत्री शांति धारीवाल के घर पर मीटिंग की. इस बैठक के बाद गहलोत खेमे के विधायक विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के घर पहुंचे और करीब 90 विधायकों ने पायलट के सीएम बनाए जाने के विरोध में अपना इस्तीफा सौंप दिया था.
इस मामले को लेकर बीजेपी ने गहलोत गुट के विधायकों के इस्तीफों को मुद्दा बनाया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने विधायकों के इस्तीफों को लेकर हाईकोर्ट में रिट दायर कर दी. 6 दिसंबर को कोर्ट ने सीपी जोशी को एक नोटिस जारी किया था, उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया. जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई. इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में खुद राजेंद्र राठौड़ ने पैरवी की.
कोर्ट से बाहर आने के बाद राजस्थान तक से बातचीत में उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने पहली बार विधानसभा अध्यक्ष को इस तरह के निर्देश दिए हैं। कोर्ट का फैसला जरूर नजीर बनेगा। इसके अलावा उन्होंने क्या कुछ कहा, आप खुद सुनिए. हालांकि कांग्रेस हाईकमान के निर्देश के बाद विधायकों के इस्तीफा वापस लेने की बात भी सामने आई है. शनिवार दोपहर बाद कांग्रेस के करीब 80 विधायक अपनी-अपनी गाड़ियों से विधानसभा पहुंचे. जिन्होंने अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए विधानसभा में प्रार्थना पत्र दिया. इस पत्र में सब ने एक ही लाइन लिखी है कि वो स्वेच्छा से अपना इस्तीफा वापस ले रहे हैं.
दरअसल, 23 जनवरी से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है. ऐसे में बीजेपी ने कांग्रेस को घेरने की पूरी योजना बना ली है. इसलिए बजट सत्र से पहले कांग्रेस ने सभी विधायकों के इस्तीफे वापस करवाने का सियासी पैंतरा अपनाया है. अब इस मामले में हाईकोर्ट में अगली सुनवाई में क्या होगा, ये देखने वाली बात होगी.