अस्पताल में लोग अपनों को लाते हैं ताकि यहां डॉक्टर उनकी जान बचा सकें, लेकिन नागौर के जेएलएन अस्पताल में तो धरती का एक भगवान ही यमराज बन गया, इलाज करना तो छोड़िए, इसने अस्पताल के कंपाउंड में ही अपनी कार से मरीजों और उनके परिजनों को रौंद डाला, क्यों कि डॉक्टर साहब को खुद पर काबू नहीं था, शराब पीकर कार चला रहे थे, शायद इसीलिए अस्पताल में चलते फिरते मरीज और उनके तीमारदार इन्हें कीड़े मकोड़ों की तरह नजर आ रहे थे।
डॉक्टर नेगी अस्पताल के कंपाउंड में ही इतनी तेज गाड़ी चला रहे थे कि तीन लोगों को टक्कर मार दी, कार रेलिंग तोड़ते हुए दूसरी ओर जा पहुंची, इस हादसे में एक शख्स की जान चली गई, तो वहीं एक प्रेग्नेंट महिला बुरी तरह से घायल हो गई। कई लोगों को चोट आई जिनका इलाज अब इसी अस्पताल में चल रहा है।
इधर हादसा होते ही डॉक्टर नेगी का दिमाग काम करने लगा, वो झट से भागकर अपने ही अस्पताल के आईसीयू में खुद ही एडिमिट हो गए, लेकिन जब पुलिस इनसे पूछताछ करने पहुंची, तब भी डॉक्टर नेगी के मुंह से शराब की बदबू आ रही थी, शायद डॉक्टर साहब ये कहना चाहते थे कि जानबूझकर तो नहीं किया हादसा होना था सो हो गया.
पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर लिया है. डॉक्टर से भी पूछताछ कर ली, पता भी चल गया कि शराब के नशे में गाड़ी चला रहे थे, लेकिन पुलिस का बयान सुनने से ऐसा लग रहा था मानो कागजी कार्रवाई कर अपना फर्ज पूरा कर लिया हो, क्योंकि अगर यही हादसा किसी आटो या टैक्सी वाले ने किया होता तो पुलिस कब का उसे हवालात पहुंचा चुकी होती, लेकिन ये तो डॉक्टर साहब का मामला है।
खैर पुलिस अब क्या कार्रवाई करती है इसका इंतजार रहेगा, लेकिन अस्पताल परिसर में हुई इस घटना ने डॉक्टर जैसे साफ छवि वाले पेशे को भी दागदार करने का काम किया है, डॉक्टर नेगी को देखकर ऐसा लगता है कि शायद उन्हें अपने किए पर कोई पछतावा वहीं, वो तो बस कानून के शिकंजे से खुद को बचाने का जुगाड़ खोज रहे हैं।
यह भी देखें: चुनावी साल में गहलोत का नया दांव, पायलट की लोकप्रियता पर होगा असर?
1 Comment
Comments are closed.