Rajasthan News: जब मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पहुंचती है. राहुल के साथ जुड़ती हैं उनकी बहन और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा. लेकिन इस यात्रा में जिस तरह से आगे आकर जुड़ते हैं सचिन पायलट सवाल तभी आया है. क्या अब राजस्थान की सरकार के पायलट भी सचिन बन सकते हैं ? जवाब जानने के लिए और विस्तार से समझते हैं.
याद करिए 2018 की तस्वीर को. जब राहुल ने राजस्थान के फैसले के बाद दिल्ली से तय किया कि पायलट वेटिंग में रहेंगे. कमान गहलोत संभालेंगे. चार साल बाद अब तस्वीर देखिए राहुल प्रियंका के साथ भारत जोड़ो यात्रा में पायलट अचानक जुड़ जाते हैं. क्या पायलट अब गांधी परिवार का संकेत समझ गए हैं. क्या संकेत समझकर ही अशोक गहलोत इस वक्त सबसे ज्यादा गुस्से में दिख रहे हैं. इतने कि एक दिन में 6 बार पायलट को गद्दार कह चुके हैं. यहां तक कहा कि एक गद्दार मुख्यमंत्री नहीं बन सकता.
अब समझना जरूरी है कि गुजरात की में राहुल गांधी के साथ रैली कर चुके अशोक गहलोत ने अचानक मोर्चा सचिन पायलट के खिलाफ क्यों खोल दिया ? आजतक संवाददाता बताते हैं कि भले 25 सितंबर को आलाकमान को दी गई चुनौती के बाद गहलोत ने जाकर दिल्ली में माफी मांग ली हो. लेकिन दावा है कि गांधी परिवार और गहलोत के बीच संबंध नहीं सामान्य हुए हैं. दावा ये भी है कि गुजरात में अशोक गहलोत को राहुल गांधी से कोई खास रिस्पॉन्स नहीं मिला.
क्या इसीलिए गांधी परिवार के समझाने के बावजूद एक बार फिर अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के खिलाफ जनता के सामने मोर्चा खोला. कहा कि सचिन पायलट तो सरकार गिराने के लिए 2020 में मानेसर विधायक लेकर गए थे. राजस्थान में करीब दो महीने बाद बुधवार को भारत जोड़ो यात्रा से जुड़ी अहम बैठक के लिए गहलोत और पायलट आमने सामने आए. लेकिन दावा है कि दोनों में ना तो नजरें मिलीं. ना कोई बातचीत हुई. पायलट अब खुलकर ये जरूर सब जगह कहने लगे हैं कि पायलट को सीएम नहीं बनने दूंगा. और पायलट समर्थक मंत्री कहते हैं कि एक-एक विधायक से बात हो जाए तो अस्सी फीसदी से ज्यादा एमएलए सिर्फ पायलट को ही मुख्यमंत्री चाहते हैं.