Rajasthan politics news: सीएम अशोक गहलोत को राजनीति के जादूगर कहा जाता है. अब उनके बेटे वैभव गहलोत भी पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने एक बार फिर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष की अपनी कुर्सी बरकरार रखी है. वैभव गहलोत इस बार निर्विरोध आरसीए के अध्यक्ष बने हैं. वैभव आरसीए के मतदाताओं की बाड़ेबंदी के बाद निर्विरोध निर्वाचित होने के लड्डू खा रहे हैं.
गौरतलब है कि 2020 में मानेसर प्रकरण के बाद सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बाड़ेबंदी कर अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब हो गए थे. ठीक इसी तरह मुख्यमंत्री के बेटे वैभव गहलोत ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव में अध्यक्ष की कुर्सी बचाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. वैभव गुट ने जिला संघ के मतदाताओं को होटल अचरोल निवास की बाड़ेबंदी में रखा और अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हो गए. राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का लगातार दूसरी बार अध्यक्ष बनने पर वैभव ने अपने पिता अशोक गहलोत और मां सुनीता गहलोत का आशीर्वाद भी लिया.
वहीं राजेंद्र नांदू का आरोप है कि उनके 5 जिला क्रिकेट संघ को छोड़कर सभी बाड़ेबंदी में थे. बाड़ेबंदी राजस्थान क्रिकेट संघ की पुरानी परंपरा है. हमेशा बाड़ेबंदी होती आई है, लेकिन उनके जैसे कुछ एक व्यक्ति बाड़ेबंदी में कभी कैद नहीं हुए है और हमेशा विरोध किया है, लेकिन अकेला कोई कुछ नहीं कर सकता. इसलिए उनके गुट ने नाम वापस ले लिया. हालांकि विचारधारा की लड़ाई आगे भी जारी रहेंगी.
आपको बता दें कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव में कुल 36 वोटर्स थे, जिसमें से 31 वोटर्स का दावा वैभव गहलोत गुट की ओर से किया गया था। जिसके बाद बाड़ेबंदी से बहुमत तय हो गया. बाकि के 5 वोट के चलते राजेंद्र नांदू ने अपना नाम वापस ले लिया। फिर क्या था वैभव गहलोत के पहली बार आरसीए अध्यक्ष के निर्विरोध अध्यक्ष बनने का ऐलान भी हो गया. इससे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दांव पर लगी साख भी बच गई.