Rajasthan News: साल 2023 के चुनावी रण से पहले 23 जनवरी को बजट सत्र का आगाज होगा. जिससे पहले राजस्थान में नए जिले बनाए जाने की चर्चा ने फिर से जोर पकड़ लिया है. प्रदेश में कुल 33 जिलों में आखिरी जिला प्रतापगढ़ 2008 में वसुंधरा सरकार के समय गठित हुआ था. तब से अब तक राजस्थान इस मोर्चे पर खाली हाथ है. साल 2022 के बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए जिलों के गठन के लिए हाईपावर कमेटी बनाने की घोषणा की थी. इसके बाद 17 मार्च को रामलुभाया की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी. जिसे 6 महीने में रिपोर्ट देनी थी. लेकिन सितंबर में कमेटी का कार्यकाल पूरा हो गया. जिसे मार्च-2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया.
बजट सत्र से पहले जिला बनाने की इस मांग ने फिर जोर पकड़ लिया है. कोटपूतली, बालोतरा, फलोदी, डीडवाना, ब्यावर और भिवाड़ी के नाम जिले बनाने की मांग में आगे है. बालोतरा को जिला बनाने की लंबे समय से मांग बनी हुई. स्थानीय विधायक मदन प्रजापत तो इस मांग को पूरा करने के लिए जूते-चप्पल ही त्याग कर चुके हैं. उनकी मांग है कि जब तक जिला नहीं बन जाता, तब तक वह बिना जूते-चप्पल के ही घूमेंगे.
दूसरी ओर सीकर के नीमकाथाना को जिला बनाने के लिए कांग्रेस विधायक सुरेश मोदी अपना पूरा दमखम लगाए हुए हैं. ऐसे ही कोटपुतली को भी जयपुर से अलग जिला बनाने की मांग लगातार बनी है. इस मांग के पीछे खास वजह है. जानकारों के मुताबिक नए जिले बनने के चलते योजनाओं के फायदे, स्कीम्स को लागू करने की बात हो या लॉ एंड ऑर्डर की मजबूती की. नया जिला बनने से इन सभी मामलों में क्षेत्रवासियों को फायदा होगा. जिसका फायदा जनप्रतिनिधि भी अपनी राजनीति चमकाकर उठाना चाहेंगे.
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