5 jan 2023
अक्सर सड़क किनारे कुछ लोग लोहे के बर्तन और घरेलू औजार बेचते हुए देतें हैं.
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ये लोग पूरे परिवार के साथ सड़क किनारे अस्थायी तौर पर बस जाते हैं.
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फिर कुछ समय बाद उस जगह को छोड़कर दूसरी जगह चले जाते हैं.
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लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनका संबंध महाराणा प्रताप से हैं?
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गाड़िया लोहार समुदाय के पूर्वज मेवाड़ की सेना में लोहार थे.
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वे मेवाड़ के महाराणा प्रताप के वंशज होने का दावा भी करते हैं.
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जब मेवाड़ पर मुगलों ने कब्जा कर लिया, तो महाराणा प्रताप जंगल की ओर चले गए.
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जंगल में उनकी मुलाकात उन लोगों से हुई, जिन्होंने उनकी और उनके परिवार की मदद की.
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तब गाड़िया लोहार के पूर्वजों ने परिवार के साथ जंगल में भटक रहे महाराणा प्रताप को कसम दी थी.
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उन्होंने प्रतिज्ञा दी कि महाराणा प्रताप के चित्तौड़गढ़ लौटने तक उनका परिवार कभी भी एक छत के नीचे नहीं रहेंगे.
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दुर्भाग्य से महाराणा प्रताप कभी चित्तौड़ नहीं जीत पाए. लोहार समुदाय आज भी प्रतिज्ञा पर कायम हैं.
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