Rajasthan News: पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के नागौर दौरे से पहले आरएलपी सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि तेजा भक्त किसी बहकावे में नहीं आएंगे और तेजा भक्तो का आक्रोश वसुंधरा राजे खुद भी नागौर की धरा पर देख चुकी है. वसुंधरा और गहलोत के आपसी गठजोड़ के आरोपों का राग छेड़ते हुए उन्होंने कहा कि साल 2009 से वो ये बात कर रहे हैं. गहलोत की सरकार जब संकट में आई, तब वसुंधरा राजे ने ही अपने समर्थित विधायको के जरिए कांग्रेस सरकार को बचाया और इस बात को भी आरएलपी ने सबसे पहले जनता के सामने रखा. अब मुख्यमंत्री गहलोत ने सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार भी किया. ऐसे में राज्य की जनता यह समझ चुकी है कि गहलोत और वसुंधरा ने हमेशा एक-दूसरे के काले कारनामों पर पर्दा डाला और एक-दूसरे को बचाया.
सांसद बेनीवाल ने कहा कि हमेशा तेजा भक्तो को धुतकारने वाली राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आगामी 11 मई को लोक देवता तेजाजी के मंदिर खरनाल (नागौर) में दर्शन करने के नाम पर खुद के राजनैतिक लक्ष्य को साधने के उद्देश्य से आ रही है. सत्ता में रहते समय उन्हे तेजाजी की याद नही आई.
आरएलपी सुप्रीमो ने कहा कि अब खुद के खिसकते जनाधार को देखते हुए आगामी विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें तेजाजी याद आ गए. उन्होंने कहा कि पानी की मांग को लेकर आंदोलित तेजा भक्तो पर रावला- घड़साना और टोंक जिले के सोहेला में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलित गुर्जर समाज के 80 भाइयों को वसुंधरा राजे की सरकार ने गोलियों से भूना.
11 लाख रुपए की घोषणा का लिया जाए हिसाब
मैं यह पूछना चाहता हूं कि 2008 में वसुंधरा राजे ने जब तेजाजी के मंदिर में 11 लाख रुपए देने की घोषणा की तो आज 15 वर्षों बाद उन्हें तेजाजी की याद कैसे आई? उन्होंने कहा कि मैने खरनाल में मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों से भी कहा है कि वसुंधरा राजे को दर्शन करवाने से पहले पूरा हिसाब लिया जाए. वहीं, वसुंधरा राजे को यह नहीं भूलना चाहिए कि तेजा भक्त किसी बहकावे में नहीं आएंगे और तेजा भक्तो का आक्रोश वो पूर्व में स्वयं नागौर की धरा पर देख चुकी है.