गहलोत ने राजे की तारीफ की तो पायलट बोले- इनकी तो यही नेता, इधर बीजेपी में मची खलबली

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गहलोत ने राजे की तरीफ की तो पायलट बोले- इनकी तो यही नेता, इधर बीजेपी में मची खलबली
गहलोत ने राजे की तरीफ की तो पायलट बोले- इनकी तो यही नेता, इधर बीजेपी में मची खलबली
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gehlot vs sachin pilot: राजस्थान के चुनावी माहौल में एक बार फिर गहलोत वर्सेज पायलट के मामले ने तूल पकड़ लिया है. खास बात ये है कि कांग्रेस पार्टी के इन दो चेहरों लड़ाई में बीजेपी की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी खींच ली गई हैं. इस बार राजे का नाम आने पर बीजेपी में खलबली मच गई है. राजे ने खुद गहलोत पर पलटवार करते हुए उनकी इस कवायद को षड्यंत्र करार दिया है.

हालांकि इस फेसवार में पायलट अक्सर गहलोत और वसुंधरा के बीच सांठ-गांठ होने की तरफ इशारा करते रहे हैं. पिछले दिनों राजे सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर वे एक दिन के अनशन पर भी बैठ गए. इधर रंधावा की तल्खी के कुछ दिन बाद तक सबकी निगाहें राजस्थान की राजनीति पर टिकी रहीं कि कुछ बड़ा होने वाला है. फिर चुप्पी छा गई. वहीं इस बार इस चुप्पी को तोड़ने का काम सीएम गहलोत ने कर दिया. साथ ही राजे की तारीफ कर पायलट को खुलकर बोलने का पूरा मौका भी दे दिया.

गहलोत की नेता सोनिया नहीं, वसुंधरा राजे- पायलट
मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर तगड़ा पलटवार किया. पायलट ने यहां तक कह दिया कि गहलोत की नेता सोनिया नहीं वसुंधरा राजे हैं. पायलट ने कहा- अब मुझे समझ आ रहा है कि मेरे चिट्ठियां लिखने के बावजूद वसुंधरा राज में हुए भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई क्यों नहीं हुई. उन्होंने कहा कि जब जनता का पूरा साथ होगा तब सही निर्णय लिया जाएगा.

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25 सितंबर की घटना सोनिया गांधी के साथ गद्दारी थी- पायलट
सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में 25 सितंबर की घटना का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 25 सितंबर को सोनिया गांधी ने माकन को जयपुर भेजा था. उस समय विधायकों की मीटिंग हो ही नहीं पाई. यह सोनिया गांधी के साथ गद्दारी थी. ये दिखलाता है कि पार्टी में अनुशासनहीनता किसने की.

मुझे कोरोना, गद्दार, निकम्मा कहा गया- पायलट
पायलट ने कहा- मुझे बहुत कुछ कहा गया. कोरोना, गद्दार, निकम्मा आदि और जो आरोप परसों लगाए गए वो मैं ढाई साल से सुन रहा था. कांग्रेस के नेताओं को बदनाम करने का काम हो रहा है और बीजेपी के नेताओं का गुणगान हो रहा है. ऐसे लोगों पर आरोप लगाया जा रहा है जिनका सार्वजनिक जीवन 30-40 साल का रहा है.

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पैसों के दम पर राजनीति करने वालों को दिखता है केवल पैसा
पायलट यहीं नहीं रुके. अपनी ही सरकार पर सख्त पायलट ने कहा- उनके इलाके में पूछ लीजिए क्या उनकी छवि है. हेमाराम चौधरी ने तो अपने अपने बेटे की याद में 22 करोड़ खर्च करके गरीब बच्चों के लिए हॉस्टल बनाया है. उन्होंने कहा कि जो पैसे के दम पर राजनीति करते हैं उन्हें हर जगह पैसा दिखता है.

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राजे ने मेरी सरकार बचाई थी- गहलोत
दरअसल एक बार फिर इस वार-पलटवार की शुरूआत धौलपुर में सीएम के भाषण से हुई है. रविवार को सीएम गहलोत ने धौलपुर में एक बार फिर मानेसर एपिसोड का जिक्र कर दिया. उन्होंने कहा कि जब अमित शाह विधायकों को खरीद रहे थे उस दौरान 3 बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस सरकार को बचाने में भूमिका निभाई थी जिसमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी शामिल थी.सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी से बर्खास्त MLA शोभारानी कुशवाह को लेकर कहा कि जब उसने हमारा साथ दिया तो भाजपा वालो की हवाइयां उड़ गई. दूसरी वसुंधरा राजे सिंधिया और तीसरे कैलाश मेघवाल हैं. कैलाश मेघवाल और वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि पैसे के बल पर सरकार को गिराने की हमारे यहां कभी परंपरा नहीं रही है. सीएम ने कहा- इन लोगों ने क्या गलत कहा और शोभारानी ने वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल की बात सुनी. यह घटना मैं जिंदगी में कभी भूल नहीं सकता.

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राजे बोलीं- मेरे खिलाफ गहलोत का बड़ा षड्यंत्र
इधर इस बयान पर राजे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. वसुंधरा राजे ने कहा- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 2023 में होने वाली हार से भयभीत होकर झूठ बोल रहे हैं और गृहमंत्री अमित शाह जी पर आरोप लगाया है. जिनकी ईमानदारी और सत्य निष्ठा सर्व विदित है. राजे ने कहा कि रिश्वत लेना और देना दोनों अपराध है, यदि उनके विधायकों ने पैसा लिया है तो एफआईआर दर्ज करवाएं.

खरीद फरोख्त के महारथी हैं गहलोत- राजे
वसुंधरा राजे यहीं नहीं रुकी. उन्होंने कहा- सच तो यह है कि अपनी ही पार्टी में हो रही बगावत और रसातल में जाते जनाधार के कारण बौखलाहट में उन्होंने ऐसे अमर्यादित और असत्य आरोप लगाए हैं. पूर्व सीएम ने कहा कि विधायकों की खरीद फरोख्त की जहां तक बात है, इसके महारथी तो स्वयं अशोक गहलोत हैं. जिन्होंने 2008 और 2018 में अल्पमत में होने के कारण ऐसा किया था. उस वक्त न भाजपा को बहुमत मिला था और न ही कांग्रेस को. उस समय चाहते तो हम भी सरकार बना सकते थे, पर यह भाजपा के सिद्धांतों के खिलाफ था. इसके विपरीत गहलोत ने अपने लेन देन के माध्यम से विधायकों की व्यवस्था कर दोनों समय सरकार बनाई थी.

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मेरा सबसे ज्यादा अपमान गहलोत ने किया- राजे
मुख्यमंत्री के द्वारा मेरी तारीफ करना मेरे खिलाफ उनका एक बड़ा षड्यंत्र है. मेरा जितना जीवन में अपमान गहलोत ने किया कोई कर ही नहीं सकता. वे 2023 के चुनाव में होने वाली ऐतिहासिक हार से बचने के लिए ऐसी मनगढ़ंत कहानियां गढ़ रहे हैं, जो दुर्भाग्य पूर्ण है पर उनकी ये चाल कामयाब होने वाली नहीं है.

शेखावत और राठौड़ भी गहलोत पर बरसे
धौलपुर में अपने दिए बयान के बाद सीएम गहलोत न केवल अपनी ही पार्टी के विधायक और वरिष्ठ नेताओं के विरोध से घिर चुके हैं बल्कि भाजपा भी उन्हें आड़े हाथों ले रही है. उनके इस बयान पर बीजेपी हमलावर है. राजे के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पर भी गहलोत पर पलटवार कर चुके हैं.

यहां पढ़ें वो किस्सा जिसका गहलोत ने किया जिक्र:

मानेसर एपिसोड के बहाने गहलोत ने 1996 के जिस षड्यंत्र का किया जिक्र, जानें उसकी पूरी कहानी

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